बुराड़ी कांड: रहस्यमयी डायरी में ही दफ्न हो गया 11 लोगों की मौत का राज, सूरत हत्याकांड से फिर ताजा हुई यादें
Delhi Burari case: पुलिस के मुताबिक, पूरा परिवार डायरी में लिखी बातों को फॉलो करता था। इस डायरी में काफी अजीबो-गरीब बातें लिखीं थीं, जिनका सार यही था कि आपको अपना शरीर त्यागने की प्रक्रिया करनी है और अंत में उन्हें भोपाल चुंडावत(नारायणी देवी के मृत पति) सभी को बचा लेंगे।
बुराड़ी कांड
Delhi Burari case: गुजरात के सूरत में शनिवार को एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत का मामला सामने आया था। प्रथम दृष्टया यह मामला सामूहिक आत्महत्या का लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि सात लोगों में दो लोगों की हत्या गला दबाकर की गई थी, बाकी 5 लोगों की मौत जहर से हुई है। जिस परिवार की लाशें घर से बरामद हुई हैं, उनमें कारोबारी मनीष सोलंकी, पत्नी रीटा सोलंकी, पिता कनु सोलंकी, मां शोभना, बेटी दिशा, काव्या और बेटा कुशल सोलंकी शामिल हैं।
यह हत्या है या आत्महत्या... यह एक गुत्थी है। हालांकि, पुलिस की जांच जारी है और जल्द ही मामले का खुलासा भी होगा। लेकिन इस हत्याकांड ने दिल्ली के बुराड़ी कांड की यादें एक बार फिर से ताजा कर दी हैं। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 2018 में ऐसी ही घटना सामने आई थी, जिसमें एक ही परिवार के 11 लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी। तीन साल तक चली जांच के बाद पुलिस ने इस मामले को सामूहिक आत्महत्या मानते हुए क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। हालांकि, जांच के दौरान मिली डायरियां अब तक लोगों के जेहन में 'कोई गहरा राज' ही बनी हुई हैं।
राजस्थान से दिल्ली आया था परिवार
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में संत नगर की गली नंबर-4 के मकान नंबर 530 में चुंडावत परिवार रहता था। यह परिवार मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला था, जो दो दशक पहले दिल्ली शिफ्ट हो गया था। चुंडावत के अलावा इस परिवार को लोग भाटिया फैमिली के नाम से भी जानते थे। इस परिवार की मुखिया नारायणी देवी थीं, जो 77 साल की थीं। उनके पति भोपाल चुंडावत की 2007 में ही मौत हो चुकी थी। इस दंपति के तीन बेटे थे, जिसमें एक बेटा राजस्थान में ही रहता था। बाकी दो बेटे भुवनेश भाटिया और छोटा बेटा ललित भाटिया नारायणी देवी के साथ ही रहते थे। भुवनेश की पत्नी का नाम सविता था और उनके तीन बच्चे थे। वहीं ललित की पत्नी टीना थी, जिनके बेटे का नाम शिवम था। इस परिवार में नारायणी देवी की बेटी प्रतिभा भी अपनी बेटी प्रियंका के साथ रहती थी।
1 जुलाई 2018 को हुई थी घटना
घटना 1 जुलाई 2018 को हुई थी। जब पूरे परिवार ने एक साथ आत्महत्या कर ली। पड़ोसियों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी। अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। घर के अंदर 11 लोगों की लाशें पड़ी थीं, जिसमें 10 लोग फांसी पर लटके हुए थे तो वहीं नारायणी देवी की लाश फर्श पर पड़ी हुई थी। पुलिस ने जब सभी लाशों का पोस्टमार्टम कराया तो किसी भी प्रकार की जोर-जबरदस्ती के निशान नहीं मिले। हालांकि, नारायणी देवी की मौत जहर देने की वजह से होने की पुष्टि हुई थी।
डायरी में दफ्न हुआ आत्महत्या का राज
पुलिस की तफ्तीश में उन्हें घर से कुछ डायरियां मिलती हैं। कहा गया कि इन डायरियों को नारायणी देवी का सबसे छोटा बेटा ललित ही लिखता था। डायरियों में कहा गया था कि ललित के सपने में उनके पिता भोपाल चुंडावत आते थे और ललित अजीब बातें किया करता था। पुलिस के मुताबिक, पूरा परिवार डायरी में लिखी बातों को फॉलो करता था। इस डायरी में काफी अजीबो-गरीब बातें लिखीं थीं, जिनका सार यही था कि आपको अपना शरीर त्यागने की प्रक्रिया करनी है और अंत में उन्हें भोपाल चुंडावत(नारायणी देवी के मृत पति) सभी को बचा लेंगे।
पुलिस को नहीं मिला कोई सबूत
इस हत्याकांड के बाद तरह-तरह की बातें होने लगीं। लोगों ने उस घर की तरफ जाना छोड़ दिया। पुलिस की पूछताछ में भी यही सामने आया कि भाटिया परिवार बहुत ही धार्मिक था और उनके सभी के साथ मधुर संबंध थे। हालांकि, पड़ोसी और रिश्तेदार इस मामले को हत्या मानकर चल रहे थे, लेकिन पुलिस की जांच में कहीं भी इस बात का सबूत नहीं मिला, जिससे साबित हो कि यह मामला हत्या का है। लिहाजा पुलिस ने इसे आत्महत्या ही माना।
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