कुमार विश्वास की कविता...कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है... गाकर तंजानिया के युवक-युवतियों ने मनाया विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंद दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। इस मौके पर तंजानिया के युवक युवतियों ने मशहूर हिंदी कवि कुमार विश्वास की कविता... कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है.. को गाकर इस दिवस को खास बना दिया।

तंजानियां के युवक युवतियों ने कुमार विश्वास की कविता के जरिये मनाया विश्व हिंदी दिवस

यूं तो हर तारीख खास होता है लेकिन 10 जनवरी हिंदी भाषियों के लिए बेहद खास है। क्योंकि इस दिन विश्व हिंद दिवस मनाया जाता है। इसलिए हिंदी प्रेमी लोगों के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से दुनिया भर में हिंदी को पसंद करने वाले लोग इस दिवस को मनाते हैं। तंजानिया के युवक युवतियों ने इस दिवस को मनाने के लिए मशहूर हिंदी कवि कुमार विश्वास की कविता का सहारा लिया। उसे गाकर विश्व हिंदी दिवस मनाया।

कवि कुमार विश्वास ने उस वीडियो को ट्वीट कर लिखा कि क्रेमलिन(रूस) के युवक हों या सऊदी के शेख़,हिंदी को मान देते ये लोग मेरे प्यार के सूत्रधार हैं।आज विश्व हिंदी दिवस पर मिले इस वीडियो के लिए आभार मेरे देश,मेरी भाषा, जिसने मुझे उन देशों के भी प्यार से जोड़ा जो मेरे विस्तार की सीमा तक में नहीं थे।

तंजानिया के युवक युवतियों ने कुमार विश्वास की कविता को लय में गया। कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है, मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है । मैं तुमसे दूर कैसा हूं, तुम मुझसे दूर कैसी है। ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है। मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है। कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है। यहां सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आंसू हैं। जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।

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