Munugode: 2023 के विस चुनाव से पहले BJP और TRS के लिए अहम है मुनूगोडे सीट का नतीजा
Munugode By Election 2022: मुनूगोडे में मोटे तौर पर किसान एवं बुनकर आबादी है। भाजपा और टीआरएस दोनों ने इन वर्गों को अपनी तरफ रिझाने की कोशिश की है। चुनाव प्रचार के दौरान टीआरएस ने भाजपा पर अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया।
मुनूगोडे सीट पर भाजपा-टीआरएस के बीच है मुख्य मुकाबला।
- मुनूगोडे विधानसभा सीट पर गुरुवार को होगा उपचुनाव, भाजपा-टीआरएस में मुख्य मुकाबला
- विधानसभा चुनाव 2023 से पहले इस सीट का चुनाव नतीजा काफी अहम माना जा रहा है
- इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए भाजपा और टीआरएस ने अपना पूरा दमखम लगाया है
Munugode By Election 2022: तेलंगाना की मुनूगोडे विधानसभा सीट पर गुरुवार को उप चुनाव होगा। इस सीट पर तेलंगाना राष्ट्रीय समिति एवं भारतीय जनता पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला है। माना जा रहा है कि इस सीट का नतीजा दिसंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक अहम संकेत साबित होगा। इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए दोनों पार्टियों ने अपना पूरा दमखम लगाया है। बहरहाल, यह सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी, इस पर फैसला मतदाता गुरुवार को करेंगे।
किसान एवं बुनकरों को दोनों पार्टियों ने लुभाया
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मुनूगोडे में मोटे तौर पर किसान एवं बुनकर आबादी है। भाजपा और टीआरएस दोनों ने इन वर्गों को अपनी तरफ रिझाने की कोशिश की है। चुनाव प्रचार के दौरान टीआरएस ने भाजपा पर अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया। इससे उसके पक्ष में थोड़ा माहौल बनता दिखा लेकिन असली नतीजे जिस पार्टी के पक्ष में जाएंगे वह अपने विजय रथ को अगले विधानसभा चुनाव तक ले जाने की कोशिश करेगा।
राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट
कांग्रेस विधायक कोमतिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के विधानसभा से इस्तीफा देने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। कोमतिरेड्डी ने विधानसभा एवं पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गये थे और वह फिर इस उपचुनाव में मैदान में हैं। इस उपचुनाव में 47 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला राजगोपाल रेड्डी, टीआरएस के पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस की पी श्रवंती के बीच दिखने की उम्मीद है।
298 मतदान केंद्रों पर होगा मतदान
इस निर्वाचन क्षेत्र में 2.41 लाख से अधिक मतदाता एवं 298 मतदान केंद्र हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने राज्य पुलिस के 3366 कर्मियों और केंद्रीय सुरक्षाबलों की 15 कंपनियों की तैनाती समेत चुनाव के लिए व्यापक प्रबंध किये हैं तथा मतदान केंद्रों से वेब प्रसारण भी किया जाएगा। बहरहाल, कांग्रेस के लिए 2014 और 2018 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद उपचुनावों में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद यह एक तरह से ‘करो या मरो’ का मुकाबला है। अगर कांग्रेस हार जाती है तो यह उसके लिए दोहरी मार होगी क्योंकि मुनूगोडे में अभी उसका विधायक है। उपचुनाव में भाकपा और माकपा ने
टीआरएस को अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
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