राजभवन के बाहर धरने पर बैठ सकेंगे विपक्ष के नेता, कलकत्ता हाई कोर्ट ने दी सशर्त अनुमति
Suvendu Adhikari: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी अब राजभवन के बाहर धरना दे सकेंगे। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को राजभवन के बाहर सशर्त धरना देने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान ऐसा कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाएगा जिससे लोग भड़कें।
कलकत्ता हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
- चार घंटे का शांतिपूर्ण धरना देंगे शुभेंदु अधिकारी
- 14 जुलाई को राजभवन के बाहर धरने पर बैठेंगे विपक्ष के नेता
- अधिकतम 300 लोगों को धरने पर बैठने की अनुमति
Suvendu Adhikari: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी अब राजभवन के बाहर धरना दे सकेंगे। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को शुभेंदु अधिकारी एवं अन्य को राजभवन के बाहर 14 जुलाई को चार घंटे तक शांतिपूर्ण धरना देने की अनुमति दे दी।
क्या है पूरा मामला?
नंदीग्राम से भाजपा विधायक अधिकारी ने हाई कोर्ट से विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं पर चुनाव बाद कथित हिंसा के विरोध में राजभवन के बाहर उसी स्थान पर धरना देने की अनुमति देने की प्रार्थना की थी, जहां तृणमूल कांग्रेस ने अक्टूबर, 2023 में प्रदर्शन किया था।
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कोर्ट ने सशर्त दी धरना देने की अनुमति
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने इस शर्त के साथ 14 जुलाई को चार घंटे के लिए अधिकतम 300 लोगों को धरने की इजाजत दी कि यह पूर्णत: शांतिपूर्ण होना चाहिए तथा वहां कोई भी व्यक्ति किसी आग्नेयास्त्र के साथ नहीं पहुंचेगा। न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान ऐसा कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाएगा जिससे लोग भड़कें।
पश्चिम बंगाल सरकार ने क्या दलील दी?
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने हाई कोर्ट से कहा कि अधिकारी और अन्य को 14 जुलाई को राजभवन के बाहर पूर्वाह्न 10 बजे से चार घंटे के लिए प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी। राजभवन के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति मांगते हुए अधिकारी के वकील ने कहा था कि सत्तारूढ़ दल (TMC) ने अक्टूबर 2023 में पांच दिनों तक वहां धरना दिया था।
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पुलिस ने नहीं दी थी धरने की अनुमति
राज्य सरकार ने पहले कहा था कि वहां सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है। शुभेंदु अधिकारी के वकील बिलावल भट्टाचार्य ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं पर चुनाव बाद कथित हिंसा के खिलाफ राजभवन के उसी स्थान पर धरना देने की अनुमति देने की उनकी प्रार्थना को कोलकाता पुलिस ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर खारिज कर दिया था।
(इनपुट: भाषा)
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