कलकत्ता हाईकोर्ट के दो जज, एक ने ज्वाइन की BJP, दूसरे रिटायर होने के बाद बोले- 'मैं RSS का था और हूं'
Justice Chitta Ranjan Dash: कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चित्तरंजन दास सोमवार को रिटायर हो गए। अपने विदाई भाषण में उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सदस्य बताया। उन्होंने कहा, यदि संगठन उन्हें किसी भी सहायता या किसी ऐसे काम के लिए बुलाता है जिसमें वह सक्षम हैं तो वह संगठन में वापस जाने के लिए तैयार हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज चित्तरंजन दास
Justice Chitta Ranjan Dash: कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने जब नौकरी छोड़ राजनीति में जाने का फैसला किया तो मामले ने काफी तूल पकड़ा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली, जिसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल के तमलुक से टीएमसी के खिलाफ पार्टी का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। अभी यह मामला थमा नहीं था कि कलकत्ता हाईकोर्ट के एक और जज ने खुद को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सदस्य बताया है।
दरअसल, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चित्तरंजन दास सोमवार को रिटायर हो गए। अपने विदाई भाषण में उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सदस्य बताया। उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों और बार के सदस्यों की उपस्थिति में अपने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति दास ने कहा कि यदि संगठन उन्हें किसी भी सहायता या किसी ऐसे काम के लिए बुलाता है जिसमें वह सक्षम हैं तो वह संगठन में वापस जाने के लिए तैयार हैं।
'मैं RSS का सदस्य था और हूं'
न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास ने कहा, कुछ लोगों को भले ही अच्छा न लगे, मुझे यहां स्वीकार करना होगा कि मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य था और हूं। संगठन का मुझ पर बहुत एहसान है, मैं बचपन से लेकर युवावस्था तक वहां रहा हूं। न्यायमूर्ति दास ने कहा, मैंने साहसी, ईमानदार होना और दूसरों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना तथा देशभक्ति की भावना तथा काम के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में सीखा है।
37 साल तक संगठन से रही दूरी
उन्होंने कहा उन्होंने अपने काम की वजह से करीब 37 साल तक संगठन से दूरी बनाकर रखी। न्यायमूर्ति दास ने कहा, मैंने कभी भी संगठन की सदस्यता का इस्तेमाल अपने करियर में उन्नति के लिए नहीं किया क्योंकि यह इसके सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी के साथ समान व्यवहार किया, चाहे वह कोई अमीर व्यक्ति हो, चाहे वह कम्युनिस्ट हो, या भाजपा, कांग्रेस या तृणमूल कांग्रेस से हो। न्यायमूर्ति दास ने कहा, मेरे सामने सभी समान हैं, मैं किसी के लिए या किसी राजनीतिक दर्शन या तंत्र के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं रखता। चूंकि मैंने अपने जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए मुझमें यह कहने का साहस है कि मैं संगठन से जुड़ा हूं क्योंकि यह भी गलत नहीं है।
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