क्या जेल से सरकार चला सकते हैं अरविंद केजरीवाल? जानिए क्या कहते हैं नियम

Arvind Kejriwal : संविधान में ऐसी व्यवस्था है कि भारत के राष्ट्रपति को उनके कार्यकाल की समाप्ति तक उन्हें किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। यह छूट यहां तक कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों तक को भी नहीं है।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल।

Arvind Kejriwal : दिल्ली के आबकारी नीति मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है कि गिरफ्तार होने के बाद भी सीएम पद से वह इस्तीफा नहीं देंगे। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने गुरुवार को कहा कि जरूरत पड़ी तो वह जेल से ही सरकार चलाएंगे। दरअसल, सीएम पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल पहले व्यक्ति नहीं है, इनसे पहले भी पद पर मौजूद मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन केजरीवाल से पहले इन नेताओं ने या तो अपनी गिरफ्तारी के बाद या पहले नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया। कानून के विशेषज्ञों का मानना है कि केजरीवाल के इस्तीफा न देने पर दिल्ली में सरकार चलाने पर संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है। कई विशेषज्ञ इसमें उप राज्यपाल की भूमिका अहम देखते हैं।

गिरफ्तारी से कौन बच सकता है?

संविधान में ऐसी व्यवस्था है कि भारत के राष्ट्रपति को उनके कार्यकाल की समाप्ति तक उन्हें किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। यह छूट यहां तक कि प्रधानमंत्री तक को भी नहीं है। संविधान का अनुच्छेद 361 कहता है कि अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान भारत का राष्ट्रपति किसी भी कोर्ट के प्रति जवाबदेह नहीं है।

क्या जेल से सरकार चला सकते हैं केजरीवाल?

जेल से सरकार चलाना लॉजिस्टिक रूप से व्यावहारिक नहीं है लेकिन ऐसा कोई कानून भी नहीं है जो ऐसा करने से किसी सीएम को रोकता हो। कानून के मुताबिक किसी सीएम को उनके पद से तभी हटाया या अयोग्य ठहराया जा सकता है जब किसी मामले में दोषी करार दे दिए गए हों। लेकिन इस मामले में अरविंद केजरीवाल दोषी नहीं हुए हैं केवल आरोपित हैं। कानून के जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री केवल दो सूरतों में अपना पद छोड़ने के लिए बाध्य हो सकते हैं- पहला या तो वह विधानसभा में अपना बहुमत खो दें अथवा उनकी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाए।

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