क्या जय फिलीस्तीन नारे को लेकर खत्म हो सकती है ओवैसी की सांसदी, राष्ट्रपति से हुई शिकायत, क्या हैं अयोग्यता के नियम?
संसद में शपथ ग्रहण के दौरान ओवैसी ने अपने राज्य तेलंगाना और बीआर अंबेडकर का नारा लगाने के अलावा 'जय फिलिस्तीन' का नारा भी लगाया, जिससे विवाद छिड़ गया है।
फिर विवादों में ओवैसी
Asaduddin Owaisi: लोकसभा सदस्य के रूप में मंगलवार को शपथ ग्रहण के दौरान 'जय फिलिस्तीन' के नारे लगाने के बाद हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी विवादों में घिर गए हैं। मामला सियासी तूल पकड़ रहा है। ओवैसी की सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिकायत की गई है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उनके पिता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने यह शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, श्री हरि शंकर जैन ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दायर की है, जिसमें उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।
अयोग्यता का क्या है नियम?
अनुच्छेद 102 के अनुसार, कोई व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए अयोग्य होगा - यदि वह भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर हो, या उसे अदालत द्वारा दिमागी रूप से अक्षम घोषित किया गया हो, या दिवालिया घोषित किया गया हो, या भारत का नागरिक न हो अथवा भारत के साथ किसी दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार करता है, या उसे संसद द्वारा पारित किसी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया हो। अनुच्छेद 103 में राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया है कि अनुच्छेद 102 के तहत कोई शिकायत प्राप्त होने पर वह संबंधित सांसद की योग्यता पर फैसला लें। हालांकि कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग से परामर्श करना जरूरी है।
क्या है मामला?
संसद में शपथ ग्रहण के दौरान ओवैसी ने अपने राज्य तेलंगाना और बीआर अंबेडकर का नारा लगाने के अलावा 'जय फिलिस्तीन' का नारा भी लगाया, जिससे सत्ता पक्ष में हंगामा शुरू हो गया। हालांकि, सदन से बाहर आने के बाद ओवैसी ने अपने कृत्य का बचाव करते हुए कहा कि उनके "जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन" कहने में कुछ भी गलत नहीं है। अन्य सदस्य भी अलग-अलग बातें कहते रहे हैं, यह गलत कैसे है? संविधान का प्रावधान बताएं? मुझे जो कहना था मैंने कह दिया। पढ़िए महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के बारे में क्या कहा था।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने फिलिस्तीन का नारा क्यों लगाया, ओवैसी ने कहा कि वे सताए गए लोग हैं। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्हें फिलिस्तीन के जिक्र के बारे में कुछ सदस्यों से शिकायतें मिली हैं, उन्होंने कहा कि वह टिप्पणियों के संबंध में नियमों की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन या किसी अन्य देश से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है। एकमात्र मुद्दा यह है कि शपथ लेते समय क्या किसी सदस्य के लिए दूसरे देश की प्रशंसा में नारे लगाना उचित है? हमें नियमों की जांच करनी होगी। कुछ सदस्यों ने मुझसे ओवैसी द्वारा शपथ के अंत में फिलिस्तीन का नारा लगाए जाने की शिकायत की है।
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