क्या वास्तव में H3N2 जानलेवा और कोविड जैसा मचा सकता है कहर, एक नजर
इस समय एच3एन2 वायरस की चर्चा है। देश के दो अलग अलग राज्यों में एक एक शख्स की मौत हो चुकी है। ऐहतियात के तौर लोगों से मास्क पहनने की अपील भी की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह कोविड की तरह जानलेवा साबित हो सकता है।

h3n2 वायरस से सतर्क रहने की सलाह
क्या हमें एच3एन2 वायरस से डरने की जरूरत है। क्या यह कोविड की तरह कहर बरपा सकता है। यह सवाल लोगों के मन और मष्तिष्क में कौंध रहा है। लेकिन क्या इसके पीछे कोई पुख्ता वजह है। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रकोप सामान्य है। मामलों में अचानक बढ़ोतरी पर दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि कोविड की वजह से लॉकडाउन लगाया गया जबकि पिछले दो वर्षों में बच्चों में इन्फ्लूएंजा का कोई जोखिम नहीं था और यह वायरस सामान्य परिस्थितियों में जानलेवा नहीं है।
पहले से रोग वालों को खतरा ज्यादा
इस वजह से H3N2 वायरस का अचानक प्रकोप जो कि इन्फ्लूएंजा का एक सामान्य प्रकार है उसकी वजह से बच्चों में ज्यादा केस देखे गए हैं। मौसमी इन्फ्लूएंजा से प्रभावित बच्चे और सह-रुग्णता वाले लोग सबसे कमजोर समूह हैं।H3N2 एंटीजेनिक ड्रिफ्ट और एक हल्का म्यूटेशन है लेकिन जीवन के लिए खतरा नहीं है। वायरस कोई भी होअगर कोमोरबिडिटी है तो मृत्यु की संभावना अधिक है। एच3एन2 के खिलाफ टीके का प्रभाव कम है और इस साल हमारा टीकाकरण कम है।
लहर की संभावना कम
लोगों में चिंता है और कुछ लोगों को लगता है कि यह कोविड की वजह से जानलेवा हो सकता है। कुछ डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें बड़े पैमाने पर लहर देखने की उम्मीद नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार आंतरिक चिकित्सा तरुण साहनी के हवाले से कहा कि अस्पताल में भर्ती होना बहुत सामान्य नहीं है और केवल 5 प्रतिशत मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली है।
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