Earthquake: लगातार आ रहे भूकंप क्या आने वाली बड़ी तबाही का संकेत हैं, क्या इसकी हो सकती है भविष्यवाणी?
जब से तुर्की में विनाशकारी भूकंप आया है तब से भूकंप को लेकर तमाम तरह के कयासों का दौर चल रहा है। साथ ही इस बात पर भी बहस हो रही है कि क्या इस तरह की घटनाओं की भविष्यवाणी की जा सकती है।
क्या भूकंप की हो सकती है भविष्यवाणी?
चीन, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान में आए भूकंप ने एक बार फिर इस बात की आशंका पैदा कर दी है कि क्या निकट भविष्य में भारत में भी बड़ा भूकंप आ सकता है। तुर्की में हाल ही में आए भूकंप ने व्यापक तबाही मचाई है। भारत को लेकर भी भूवैज्ञानिकों ने चेताया है कि टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने से बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है। इन खबरों के बीच सवाल उठता है कि क्या भूकंप की भविष्यवाणी हो सकती है ताकि पहले से ही अलर्ट रहा जा सके।
भूकंप को लेकर कयासों का दौर चल रहा
जब से तुर्की में विनाशकारी भूकंप आया है तब से भूकंप को लेकर तमाम तरह के कयासों का दौर चल रहा है। साथ ही इस बात पर भी बहस हो रही है कि क्या इस तरह की घटनाओं की भविष्यवाणी की जा सकती है। विशेष रूप से तुर्की सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक में स्थित है। विशेषज्ञों के अनुसार, यहां अधिक तीव्रता के भूकंप का खतरा था। जहां तक भारत का संबंध है, विशेषज्ञों का कहना है कि उपमहाद्वीप भी अत्यधिक भूकंपीय भारतीय प्लेट पर स्थित है। भारत में कोई भूकंपीय रूप से सुरक्षित क्षेत्र कोई भी नहीं है।
भारतीय महाद्वीप क्षेत्र में कई छोटे और मध्यम भूकंप आए हैं, आखिरी विनाशकारी भूकंप अप्रैल 2015 में नेपाल में आया था और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 और 7.3 थी। भारतीय प्लेट 12 प्रमुख प्लेटों में से एक है जो किसी पहेली की तरह पृथ्वी की सतह पर एक साथ बंधी हुई है। इसकी सीमा बहुत सक्रिय हो गई है और धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। यह हर साल साल 4 से 5 सेमी आगे खिसकती है।
क्या भूकंप की हो सकती है भविष्यवाणी?
अमेरिकी सरकार की वैज्ञानिक एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, न तो यूएसजीएस (United States Geological Survey) और न ही किसी अन्य वैज्ञानिक ने कभी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी की है। हम नहीं जानते कि कैसे ये हो सकता है और निकट भविष्य में ऐसा जानने की उम्मीद भी नहीं करते हैं। यूएसजीएस वैज्ञानिक केवल इस संभावना के बारे में बता सकते हैं कि एक बड़ा भूकंप आएगा।
भूकंप की भविष्यवाणी में 4 तथ्यों को परिभाषित किया जाना चाहिए - तारीख, समय, जगह और तीव्रता। गैर-वैज्ञानिकों द्वारा भूकंप की भविष्यवाणी भी एक पहलू है। जहां तक गैर-वैज्ञानिकों द्वारा की गई भविष्यवाणियों का संबंध है, यूएसजीएस कहता है कि कुछ लोग कहते हैं कि वे भूकंप की भविष्यवाणी कर सकते हैं, लेकिन वे वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित नहीं हैं, और भूकंप एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
यूएसजीएस के मुताबिक, भूकंप का बादलों, शारीरिक दर्द या किसी अन्य गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है। वे भविष्यवाणी के लिए जरूरी सभी तीन चीजों को परिभाषित नहीं करते हैं। दरअसल, गैर-वैज्ञानिकों, ज्योतिषियों द्वारा की गई भविष्यवाणियां आम तौर पर सोशल मीडिया पर तब दिखने लगती हैं, जब कोई बड़ा भूकंप आता है।
यूएसजीएस कहता है, तथाकथित संकेत जैसे पानी में राडोण की बढ़ती मात्रा, जानवरों का असामान्य व्यवहार, झटकों की तीव्रता ये नहीं बता सकते कि भूकंप आने वाला है। दरअसल, इस तरह के अधिकतर संकेत अक्सर भूकंप के बिना भूकंप वाले साबित होते हैं। इसलिए भूकंप की असल भविष्यवाणी संभव नहीं है। इसके बजाय अगर कोई वैज्ञानिक आधार है, तो इसकी संभावना का पूर्वानुमान जरूर लगाया जा सकता है।
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