Cash for Job Scam: नौकरी घोटाले में अब ED की एंट्री, गोवा पुलिस से मांगी मामले से जुड़ी फाइलें; जानें क्या है पूरा मामला
Goa: गोवा के 'कैश फॉर जॉब स्कैम' ने अब तूल पकड़ लिया है। घोटाले की जांच के लिए अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो चुकी है। ईडी ने गोवा पुलिस से इस मामले से जुड़ी सभी फाइलें जमा करने को कहा है। हाल ही में आम आदमी पार्टी ने सीएम प्रमोद सावंत की पत्नी पर गंभीर आरोप लगाया था। आपको इस रिपोर्ट में सबकुछ तफसील से समझाते हैं।
गोवा के कैश फॉर जॉब घोटाले की जांच के लिए ईडी की एंट्री।
ED Probe in Cash for Job Scam: बिहार की सियासत में लालू यादव पर कई घोटाले के आरोप लगे, वो दोषी पाए गए और उन्हें सजा भी हुई। इन घोटालों की सूची में से एक घोटाला था 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाला (Land for Job Scam), जिसकी जद में लालू का पूरा परिवार आ गया। बिहार के उस घोटाले की जांच हो रही है, लेकिन इन दिनों बिहार के नौकरी घोटाले जैसा एक और घोटाला सामने आया है। हालांकि ये घोटाला बिहार में नहीं, बल्कि गोवा में हुआ है। गोवा का नौकरी घोटाले में जमीन नहीं, बल्कि कैश (नकद) दिया गया था। जिसकी जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हाथों में है। ईडी ने कैश फॉर जॉब घोटाला में एंट्री करते ही फुल ऑन एक्शन मोड अख्तियार कर लिया है।
कैश फॉर जॉब घोटाला में ED की एंट्री
गोवा के नौकरी घोटाले की जांच के लिए अब ईडी ने अपनी कमर कस ली है। प्रवर्तन निदेशालय ने गोवा कैश फॉर जॉब घोटाले (Cash for Job Scam) में ईसीआईआर दर्ज की। साथ ही ईडी ने गोवा पुलिस से मामले की फाइलें जमा करने को कह दिया है। आम आदमी पार्टी ने सीएम प्रमोद सावंत की बीवी पर कैश फॉर जॉब घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है। वहीं AAP ने प्रोमोद सावंत पर मीडिया को चुप कराने का और मामला दबाने का भी आरोप लगाया है।
ईडी ने दर्ज की प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गोवा में कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाले के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जांच शुरू कर दी है। ईडी ने नौकरी घोटाले की जांच के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। ईडी ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों के संबंध में गोवा पुलिस से जानकारी मांगी है। गोवा पुलिस ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से संबंधित 33 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। इनमें उत्तरी गोवा में 20 से अधिक और दक्षिण गोवा में 13 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं। पुलिस ने अब तक घोटाले से किसी राजनीतिक संबंध या किसी संगठित गिरोह द्वारा इसके संचालन से इनकार किया है।
जांच से पता चला है कि 2014-15 से लोगों को सरकारी नौकरी का लालच देकर ठगा जा रहा था। अक्टूबर में मर्दोल पुलिस स्टेशन द्वारा पहला मामला दर्ज किए जाने के बाद से, अधिकांश मामले महिलाओं के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।
AAP ने सीएम सावंत की पत्नी पर लगाए आरोप
गोवा में कैश फॉर जॉब स्कैम को लेकर सियासी उठापटक तेज हो गया। पहले कांग्रेस ने सावंत सरकार पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया। उसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मामले में कहा था कि 'गोवा जो आज बेरोज़गारी की मार से परेशान है, गोवा जहां आज नौजवान रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, वहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने, पिछले दस वर्षों से किस प्रकार से नौकरी देने के नाम पर भ्रष्टाचार किया है। किस प्रकार से वहां नौकरी के नाम पर रिश्वत खाई है और इसमें कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की पत्नी तक का नाम आया है।'
आप का दावा- मीडिया को चुप कराने की हुई कोशिश
आरोप है कि सरकारी नौकरियों को बेचने का खेल पिछले दस वर्षों से गोवा में जारी है। इस घोटाले को लेकर AAP गोवा के अध्यक्ष अमित पालेकर ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर तीखे हमले किए और सीएम पर मीडिया को चुप कराने की कोशिश करने का आरोप लगा दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया कि उनके बयान का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया संस्थानों पर दबाव बनाकर इसे हटवा दिया। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की है।
'नकदी के बदले नौकरी घोटाले' की कैसे खुली परत?
यह घोटाला, जो राज्य के आधे तालुकाओं में फैला था और जिसमें औसतन हर दिन एक मामला दर्ज हो रहा था। ये पहली बार तब सामने आया जब ओल्ड गोवा की निवासी पूजा नाइक पर सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने गोवा में कई लोगों से करोड़ों रुपये ठगने का आरोप लगा। इसके बाद, दीपश्री गवास उर्फ दीपश्री प्रशांत महतो, प्रिया यादव, सुनीता शशिकांत पावस्कर, श्रुति प्रभुगांवकर और उमा पाटिल के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए। नाइक की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राजनेताओं और सरकारी कर्मचारियों को सख्त चेतावनी जारी की कि अगर उनमें से कोई भी नौकरी घोटाले में शामिल पाया गया तो उनकी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
पुलिस ने कहा कि घोटाले में आरोपी कई व्यक्तियों ने लोक निर्माण, जल संसाधन, शिक्षा, परिवहन, राजस्व, पुलिस और स्वास्थ्य सहित विभिन्न सरकारी विभागों में उन्हें नौकरी दिलाने का वादा करके 300 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये ठगे। इस घोटाले के गोवा के 12 तालुकाओं में से छह - बिचोलिम, बारदेज़, तिस्वाड़ी, पोंडा, मोरमुगाओ और कैनाकोना तक फैलने के बावजूद 21 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस कर्मियों से लेकर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और शिक्षकों से लेकर ऐसे लोगों तक, जिन्होंने मजबूत राजनीतिक संबंध होने का दावा किया, गोवा पुलिस ने अलग-अलग घटनाओं में गिरफ्तारियां कीं। जांच से पता चला कि पीड़ित या तो अभियुक्तों के परिचित थे या उनके रिश्तेदार थे जो अपने परिजनों के लिए स्थायी सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे थे। हालांकि उन्हें लगा कि इससे उनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा, लेकिन इसके बजाय उन्होंने अपनी जीवन भर की बचत खो दी, जबकि अभियुक्त उस पैसे का इस्तेमाल सोने के गहने और महंगी कारें खरीदकर अपनी आलीशान जीवनशैली जीने में कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक गोवा पुलिस ने अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसी बीच मामले की जांच के लिए ईडी की भी एंट्री हो गई है। देखना होगा कि जांच में क्या कुछ बड़ा खुलासा होता है और इस घोटाले के तार कहां-कहा, किस-किससे जुड़े होते हैं। हालांकि खुद सीएम सांवत ने और पुलिस ने भी इस घोटाले के राजनीतिक कनेक्शन होने से इनकार किया है।
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