Cash-for-Query Row: लोकसभा एथिक्स कमिटी के सामने पेश होने के लिए महुआ मोइत्रा ने मांगा और समय

Cash-for-Query Row: लोकसभा की आचार समिति (Lok Sabha Ethics Committee) ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर पेश होने के लिए बुलाया लेकिन महुआ ने और समय मांगा।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा

Cash-for-Query Row: लोकसभा की आचार समिति (Lok Sabha Ethics Committee) ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए बुलाए जाने के एक दिन बाद टीएमसी सांसद ने पेश होने के लिए और समय मांगा। कमिटी ने 'कैश-फॉर-क्वेरी' घोटाले में महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों को लेकर उन्हें तलब किया है। महुआ मोइत्रा ने आज आरोप लगाया कि संसद की आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने आधिकारिक पत्र ईमेल किए जाने से पहले ही लाइव टीवी पर उन्हें बुलाने की तारीख का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व-निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र कार्यक्रमों के कारण वह कमिटी के सामने उपस्थित होने के लिए अधिक समय चाहती हैं। महुआ ने कहा कि एथिक्स कमेटी के चेयरमैन ने 19:20 बजे मुझे ईमेल किए गए एक आधिकारिक पत्र से पहले लाइव टीवी पर मेरे 31/10 समन का ऐलान कर दिया। सभी शिकायतें और स्वत: संज्ञान हलफनामे भी मीडिया को जारी किए गए थे। मैं अपने चुनाव क्षेत्र में प्री शेड्यूल कार्यक्रम के तुरंत बाद गवाही देने के लिए उत्सुक हूं। मेरे कार्यक्रम 4 नवंबर को समाप्त हो रहे हैं। टीएमसी सांसद ने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखा और कमिटी के सामने पेश होने के लिए अधिक समय का अनुरोध किया।
महुआ ने कहा मैं पश्चिम बंगाल राज्य का प्रतिनिधित्व करती हूं जहां दुर्गा पूजा सबसे बड़ा त्योहार है। मैं पहले से ही 30 अक्टूबर से 4 नवंबर 2023 तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई पूर्व-निर्धारित विजयादशमी और अन्य बैठकों (सरकारी और राजनीतिक दोनों) में भाग लेने के लिए प्रतिबद्ध हूं और 31 अक्टूबर 2023 को दिल्ली में नहीं रह सकती। टीएमसी सांसद ने पत्र में कहा कि इसलिए मैं अनुरोध करती हूं कि मुझे 5 नवंबर, 2023 के बाद कमिटी की पसंद की किसी भी तारीख और समय पर कमिटी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का समय दिया जाए।
मोइत्रा ने बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी का उदाहरण भी दिया। जिन्होंने उन्हें 10 अक्टूबर को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा बुलाया गया था लेकिन बाद में उनके अनुरोध के अनुसार बाद में उपस्थित होने की अनुमति दी गई थी। ताजा उदाहरण के तौर पर सांसद रमेश बिदुरी जिन्हें 10 अक्टूबर, 2023 को विशेषाधिकार समिति द्वारा बुलाया गया था। उन्होंने अधिक समय का अनुरोध किया था क्योंकि उनकी राजस्थान में राजनीतिक बैठकें पहले से तय थीं। इसलिए उन्हें समय दिया गया।
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