CBI ने इंटरपोल और FBI की मदद से ध्वस्त किया साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क, 43 लोग गिरफ्तार
Cyber Crime: सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में सात स्थानों पर तलाशी ली गई। इन तलाशियों के दौरान अब तक 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, आपत्तिजनक दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन विवरण, कॉल रिकॉर्डिंग, पीड़ितों का विवरण और पीड़ितों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की गई प्रतिलिपियां बरामद की हैं।
सीबीआई ने विदेशियों से ठगी में लिप्त कॉलसेंटर का किया भंडाफोड़।
Cyber Crime: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इंटरपोल और एफआई जैसी विदेशी एजेंसियों की मदद से साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया है। जांच एजेंसी ने गुरुग्राम के एक कॉलसेंटर से 43 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग विदेशी लोगों से ठगी कर लाखों डॉलर ऐंठ रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि आगे की कार्रवाई के लिए सीबीआई विदेशी जांच एजेंसियों के संपर्क में है और ठगी की रकम का भी पता लगाा जा रहा है।
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम में एक कॉलसेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 43 संदिग्ध साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित तौर पर विदेशियों को उनके कंप्यूटर की समस्याओं के तकनीकी समाधान की पेशकश कर ठगते थे। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी में स्थित इनोसेंट टेक्नोलॉजी (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर छापा मारा, जहां केंद्रीय एजेंसी ने कई एजेंट को विदेशियों को ठगने के इरादे से लाइव कॉल करते हुए पाया।
सात ठिकानों पर एक साथ सीबीआई रेड
सीबीआई ने कहा, दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में सात स्थानों पर तलाशी ली गई। इन तलाशियों के दौरान अब तक 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, आपत्तिजनक दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन विवरण, कॉल रिकॉर्डिंग, पीड़ितों का विवरण और पीड़ितों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की गई प्रतिलिपियां बरामद की हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह पता चला कि इस नेटवर्क में साइबर आधारित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों को अंजाम देने में अलग-अलग सेंटर समन्यव के साथ काम कर रहे थे और इस संबंध में मुख्य रूप से उन्हें गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी से संचालित कॉल सेंटर से निर्देश मिलता था। अब तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई इस संबंध में सुराग हासिल करने और आगे की कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से एफबीआई एवं कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संपर्क में है।
हांगकांग पहुंचाई जाती थी ठगी की रकम
ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि निशाने पर लिये जाने वालों को अपने सिस्टम (कंप्यूटर) में मैलिसियस (गड़बड़ी वाले) सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के लिए राजी किया जाता था, जिससे उनके कंप्यूटर बंद हो जाते थे। इस केंद्रीय एजेंसी ने कहा, इसके बाद पीड़ितों को अपने सिस्टम को सही करने के लिए भुगतान करने के लिए कहा जाता था। यह पता चला है कि अपराध से होने वाली कमाई कई देशों से हांगकांग तक पहुंचाई गई थी।
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