इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में चंदा देने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी पर CBI ने दर्ज किया भ्रष्टाचार का केस, BJP को दिया था 586 करोड़ का चंदा

CBI Case against Megha Engineering: सीबीआई ने हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ कथित तौर से रिश्वत देने के एक मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी और उसने भाजपा को लगभग 586 करोड़ रुपये की सबसे अधिक राशि का दान दिया था।

CBI corruption case against Megha Engineering

मेघा इंजीनियरिंग के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया भ्रष्टाचार का मामला

CBI Case against Megha Engineering: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ कथित तौर से रिश्वत देने के एक मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। यह वही कंपनी है, जिसने ने 966 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे और वह इन बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र से संबंधित कार्यों के लिए मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने में लगभग 78 लाख रुपये की कथित रिश्वत दी। प्राथमिकी में एनआईएसपी और एनएमडीसी के आठ अधिकारियों और मेकॉन के दो अधिकारियों को भी कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए नामित किया गया है।

बीजेपी को दिया था 586 करोड़ का चंदा

चुनाव आयोग के 21 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी और उसने भाजपा को लगभग 586 करोड़ रुपये की सबसे अधिक राशि का दान दिया था। कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये का दान दिया। टीडीपी को कंपनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले।

इन पार्टियों को भी दिया चंदा

मेघा इंजीनियरिंग ने बीजेपी के अलावा बीआरएस, डीएमके, टीडीपी समेत कांग्रेस व अन्य पार्टियों को भी चंदा दिया है। कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये, टीडीपी को करीब 25 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये, जेडी-एस, जन सेना पार्टी और जेडी-यू को 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का चंदा दिया है।
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