JEE-Mains एग्जाम हेराफेरी मामले में मिली सफलता, CBI ने रूसी 'मास्टरमाइंड' को हिरासत में लिया
CBI: मिखाइल शार्गिन को भारत आने पर दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया है। सीबीआई ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि जांच के दौरान सीबीआई को ये पता चला कि कुछ विदेशी नागरिक जेईई (मेन्स) समेत कई ऑनलाइन परीक्षाओं में शामिल थे और तत्काल मामले में अन्य आरोपियों के साथ मिलीभगत कर रहे थे।
सीबीआई ने रूसी 'मास्टरमाइंड' को हिरासत में लिया। (सांकेतिक फोटो)
मुख्य बातें
- JEE-Mains एग्जाम हेराफेरी मामले में CBI को मिली सफलता
- CBI ने रूसी 'मास्टरमाइंड' को हिरासत में लिया
- दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया
CBI: करीब एक साल से अधिक समय तक मामले की जांच करने के बाद सीबीआई ने जेईई (मेन्स) परीक्षा 2021 हेराफेरी के मामले में सफलता हासिल की है। सीबीआई ने मामले में मास्टरमाइंड और कथित हैकर रूसी नागरिक को हिरासत में लिया है। मिखाइल शार्गिन नाम के इस मास्टरमाइंड से मामले में उसकी भूमिका के बारे में पूछताछ की जा रही है। सीबीआई ने विदेशी नागरिक मिखाइल शार्गिन के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी किया था।संबंधित खबरें
JEE-Mains एग्जाम हेराफेरी मामले में CBI को मिली सफलता
मिखाइल शार्गिन को भारत आने पर दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया है। सीबीआई ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि जांच के दौरान सीबीआई को ये पता चला कि कुछ विदेशी नागरिक जेईई (मेन्स) समेत कई ऑनलाइन परीक्षाओं में शामिल थे और तत्काल मामले में अन्य आरोपियों के साथ मिलीभगत कर रहे थे। संबंधित खबरें
पिछले साल सितंबर में दर्ज हुआ था मामलासंबंधित खबरें
साथ ही एक रूसी नागरिक की भूमिका का खुलासा किया गया था, जिसने कथित तौर पर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ की थी, जिस पर जेईई (मुख्य)-2021 परीक्षा आयोजित की गई थी। उसने परीक्षा के दौरान संदिग्ध उम्मीदवारों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने में अन्य आरोपियों की मदद की थी। वहीं पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने एफिनिटी एजुकेशन और उसके तीन निदेशकों, सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के अलावा अन्य दलालों और सहयोगियों के खिलाफ परीक्षाओं में कथित हेरफेर के लिए मामला दर्ज किया था।संबंधित खबरें
आरोप है कि तीनों निदेशक अन्य सहयोगियों और दलालों के साथ साजिश रचते हुए जेईई (मुख्य) की ऑनलाइन परीक्षा में हेरफेर कर रहे थे और अभ्यर्थियों से भारी रकम लेकर देश के शीर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में उन्हें प्रवेश दिला रहे थे। आरोपों के अनुसार हरियाणा के सोनीपत में एक चयनित परीक्षा केंद्र से आवेदकों के प्रश्नपत्रों को टेक्नोलॉजी की मदद से हल कराया जा रहा था। संबंधित खबरें
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टाइम्स नाउ नवभारत author
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