Land for Job Case: लालू यादव पर कसेगा शिकंजा, गृह मंत्रालय ने CBI को दिया ग्रीन सिग्नल

Land for Job Case: 8 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा था कि आरोपी लालू प्रसाद यादव, महीप कपूर, मनोज पांडे और डॉ. पी.एल. बनकर" के संबंध में अभी मंजूरी नहीं मिली है। अब सीबीआई ने कहा है कि लालू प्रसाद के खिलाफ गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।

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लालू प्रसाद यादव

तस्वीर साभार : IANS
Land for Job Case: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी मामले में राजद नेता लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया है कि मामले में नए आरोप पत्र में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू प्रसाद के खिलाफ गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। हालांकि, जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को सूचित किया कि तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी अभी तक नहीं मिली है।
इससे पहले, 8 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा था कि आरोपी लालू प्रसाद यादव, महीप कपूर, मनोज पांडे और डॉ. पी.एल. बनकर" के संबंध में अभी मंजूरी नहीं मिली है। बता दें, जुलाई में अदालत ने लालू यादव और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी प्राप्त करने के लिए सीबीआई को समय दिया था। मंगलवार को सीबीआई ने कहा कि शेष मंजूरी एक सप्ताह के भीतर मिलने की उम्मीद है।

21 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है। बता दें, सीबीआई ने 18 मई, 2022 को लालू यादव और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जुलाई में कहा था कि उसने लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती की 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत जुड़ी कंपनियों को जब्त कर लिया है।

3 जुलाई को दाखिल की थी चार्जशीट

सीबीआई ने 3 जुलाई को लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सीबीआई ने अपने विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता डी.पी. सिंह के माध्यम से अदालत को अवगत कराया था कि पहले से ही आरोप पत्र दायर होने के बावजूद मामले में एक नया आरोप पत्र दायर किया गया है, क्योंकि कथित कृत्य एक अलग कार्यप्रणाली के साथ किया गया है। अदालत को यह भी बताया गया कि लालू और तीन अन्य के खिलाफ मंजूरी का इंतजार है। सीबीआई अधिकारी ने कहा था कि 2004-2009 की अवधि के दौरान यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह 'डी' पदों पर स्थानापन्न नियुक्तियों के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।
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