NEET मामले में CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट, सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश
नीट पेपर लीक मामले में 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जिस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सीजीआई डीआई चंद्रचूड़ की बेंच ने लंबे बहस के बाद सुनवाई की नई तारीख जारी की थी।
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई रिपोर्ट दाखिल
CBI Report On NEET: नीट (NEET) मामले में सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में फाइल कर दी है। जांच एजेंसी ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की है। आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। नीट पेपर लीक मामले में 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जिस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सीजीआई डीआई चंद्रचूड़ की बेंच ने लंबे बहस के बाद सुनवाई की नई तारीख जारी की थी। वहीं आज यानी 11 जुलाई 2024, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर बड़ा फैसला ले सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 की शुचिता नष्ट हो हुई और हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ होंगे या प्रश्नपत्र टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिए लीक हुआ है, तो यह जंगल में लगी आग की तरह फैला होगा। ऐसी स्थिति में दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश देना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह पता लगाना होगा कि प्रश्नपत्र लीक से कितने अभ्यर्थियों को फायदा हुआ है और केंद्र सरकारी उनके खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहा है। साथ ही यदि यह स्पष्ट हो जाता है कि किस सेंटर पर पेपर लीक हुआ है तो वहां दोबारा टेस्ट कराना होगा।
नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग
अभ्यर्थियों की याचिकाओं में नीट पेपर परीक्षा में अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगाते हुए इसकी परीक्षा नए सिरे से कराने की मांग की गई है। 8 जुलाई 2024 को सभी 38 अर्जियों पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का अगुवाई वाली पीठ ने अपने फैसले में सरकार ने पेपर लीक को लेकर कई तीखे सवाल पूछे। मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने सीबीआई को मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को तय की गई थी।
लाभार्थी छात्रों के बारे में पता नहीं लगाने पर रद्द हो सकती है परीक्षा
छात्रों की ओर से पेश वकील ने अपनी दलील में कहा था कि एनटीए ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया। वकील ने कोर्ट को बताया कि छह राज्यों में छह प्राथमिकी दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि एक चीज साफ है कि पेपर लीक हुआ है लेकिन सवाल यह है कि यह कितने बड़े पैमाने पर हुआ है? पेपर लीक हुआ है, इसे तथ्य के रूप में स्वीकारा गया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या सरकार लाभार्थी छात्रों का पता लगाने में सक्षम है? क्या ऐसे छात्रों पर कोई कार्रवाई हुई? कोर्ट ने पूछा कि लाभार्थी छात्रों की पहचान के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए? लाभार्थी छात्रों के बारे में अगर वह पता नहीं लगा सकती तो परीक्षा रद्द की जा सकती है।
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