मुश्किल में ममता बनर्जी के भतीजे! नौकरी घोटाले की चार्जशीट में CBI ने लिया अभिषेक का नाम; जानें माजरा

सीबीआई ने नौकरी घोटाले के आरोपपत्र में 'अभिषेक बनर्जी' का नाम लिया। जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने सीबीआई के इस कदम को उन्हें फंसाने का प्रयास बताया है। सांसद पहले ही कई बार केंद्रीय जांच एजेंसियों - ईडी और सीबीआई - के सामने पेश हो चुके हैं।

abhishek banerjee on evm

ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी।

West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में बुधवार को राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई, जब यह बात सामने आई कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 'स्कूल में नौकरी घोटाला' मामले में दाखिल तीसरे पूरक आरोपपत्र में किसी अभिषेक बनर्जी का नाम लिया है। एजेंसी ने आरोपपत्र में 2017 में रिकॉर्ड एक बातचीत की ऑडियो फाइल का हवाला दिया और किसी अभिषेक बनर्जी का नाम लिया, जिन्होंने अवैध नियुक्तियों के लिए 15 करोड़ रुपये मांगे थे।

घोटाले में शामिल होने का विपक्ष ने बार-बार लगाया आरोप

एजेंसी ने आरोपपत्र में अभिषेक बनर्जी की पहचान स्पष्ट नहीं की, हालांकि यह नाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के नाम से मिलता है। अतीत में विपक्ष ने उनके खिलाफ घोटाले में शामिल होने का बार-बार आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस सांसद पहले ही कई बार केंद्रीय जांच एजेंसियों - ईडी और सीबीआई - के सामने पेश हो चुके हैं।

बाद में, सांसद के वकील संजय बसु ने एक प्रेस बयान जारी किया और विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश आरोप पत्र को 'भ्रामक और निराधार' बताया तथा इसे उनके मुवक्किल को परेशान करने के उद्देश्य से फंसाने का प्रयास बताया।

21 फरवरी को सीबीआई ने दायर की थी चार्जशीट

सीबीआई ने 28 पृष्ठों के इस आरोप पत्र को 21 फरवरी को दायर किया था, जिसकी प्रमाणित प्रति पीटीआई के पास है। इस आरोपपत्र में सुजय कृष्ण भद्र उर्फ ‘कालीघाटर काकू’ और दो अन्य को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी), 2014 की चयन प्रक्रिया के माध्यम से राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अनियमित नियुक्तियों का दोषी बताया गया है।

अभिषेक बनर्जी का नाम क्यों किया गया शामिल?

सीबीआई ने भद्र की पहचान मेसर्स लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में की है। इससे पहले ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी को कंपनी के सीईओ के रूप में नामित किया था, जो सीमित अवधि के लिए इसके निदेशकों में से एक थे। अपने आरोपपत्र में, सीबीआई ने भद्र के बेहाला निवास पर 2017 में हुई एक बैठक का उल्लेख किया है, जिसमें आरोपी कुंतल घोष, शांतनु बनर्जी और दो अन्य लोग -अरबिंद रॉय बर्मन और सुरजीत चंदा भी मौजूद थे।

एजेंसी ने कहा है कि आरोपी कुंतल घोष के कहने पर, उनके कर्मचारी अरबिंद रॉय बर्मन ने अपने मोबाइल फोन पर बातचीत रिकॉर्ड की थी और बाद में ऑडियो फ़ाइल को अपने लैपटॉप में स्थानांतरित कर दिया था, जिसे जांच के दौरान बरामद किया गया।

आरोपपत्र के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए बनर्जी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि उन्हें 'एजेंसी द्वारा अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।' उनके वकील ने बयान में कहा, 'कथित तीसरा पूरक आरोपपत्र मेरे मुवक्किल को परेशान करने के उद्देश्य से फंसाने का प्रयास है... सीबीआई ने अपने दावों के समर्थन में कोई दस्तावेज संलग्न नहीं किया है। यह मेरे मुवक्किल को अनुचित तरीके से निशाना बनाए जाने का एक और उदाहरण है।'

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited