'कुछ और हाई प्रोफाइल लोगों की हो सकती है गिरफ्तारी', मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका के विरोध पर CBI का बड़ा बयान

Delhi Excise Policy Case:CBI ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है।

MANISH SISODIA

CBI ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का किया विरोध

Delhi Excise Policy Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। सीबीआई ने कहा कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy Case) मामले में जांच चल रही है और आरोपी इसमें बाधा डाल सकते हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा उपचारात्मक जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद सिसौदिया अपनी जमानत याचिका पर जोर दे रहे हैं। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मनीष सिसौदिया के वरिष्ठ वकील मोहित माथुर और सीबीआई के अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज गुप्ता की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले की घोषणा की।

कुछ हाईप्रोफाइल लोगों की हो सकती है गिरफ्तारी- CBI

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दलीलें सुनने के लिए मामले को 22 मार्च को सूचीबद्ध किया है। वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने यह कहते हुए शुरुआत की कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने देखा है कि 13 महीने बीत चुके हैं और जमानत दे दी है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि मनीष सिसौदिया ट्रिपल टेस्ट से संतुष्ट हैं। उनके भागने का खतरा नहीं है। सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है। वास्तव में, अब कोई सबूत नहीं बचा है। सभी सरकारी गवाह बन गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता माथुर ने कहा कि दूसरे आरोपी को मेरे फैसले (सिसोदिया) के आधार पर जमानत दे दी गई, चाहे यह कितनी भी विडंबनापूर्ण क्यों न हो। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सिर्फ इसलिए आजादी दी क्योंकि एएसजी ने कहा था कि वह 6-8 महीने के भीतर जांच पूरी कर लेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, तथ्य यह है कि सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि सरकारी खजाने को लाभ हुआ है। यहां तक कि किसी निजी व्यक्ति या किसी उपभोक्ता को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। उनके द्वारा कोई पैसा नहीं दिया गया था।

वहीं, जमानत याचिका का विरोध एपीपी पंकज गुप्ता ने किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक ने कहा कि हमारी ओर से कोई देरी नहीं हुई। आरोप पर बहस के बाद मुकदमा शुरू होता है। हम इसे शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। आरोपी मुकदमे में देरी कर रहे हैं। एपीपी पंकज गुप्ता ने यह भी कहा कि कुछ हाईप्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। एपीपी ने अदालत के समक्ष कहा कि जांच चल रही है और यह आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकते है और जांच में बाधा डाल सकते है, इसलिए आवेदन को खारिज कर दिया जाना चाहिए।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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