सीडीएस अनिल चौहान बोले- सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार
सीडीएस का कार्यभार ग्रहण करने के बाद सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि यह उनके लिए फक्र की बात है। इसके साथ ही कहा कि भारतीय फौज पेशेवर है और हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार है।
अनिल चौहान, सीडीएस
सीडीएस का कार्यभार ग्रहण करने के बाद सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि यह उनके लिए फक्र की बात है। इसके साथ ही कहा कि भारतीय फौज पेशेवर है और हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार है।उन्होंने कहा कि भारतीय फौज के खाते में असाधारण कामयाबियां हैं। हमने सभी मोर्चों पर दी गई जिम्मेजदारियों को निभाया है। बदलते समय के साथ चुनौतियों के स्वरूप में बदलाव जरूर आया है लेकिन हम अपनी पेशेवर दक्षता से उससे निपटने में कामयाब भी रहे हैं।
भारत के नए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने, गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच, एक कुशल रणनीतिज्ञ और उम्दा कमांडर के रूप में चीन के प्रति देश की सैन्य नीति के निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।जनरल चौहान की छवि एक स्पष्टवादी और मृदुभाषी अधिकारी की है और उन्होंने सितंबर 2019 से मई 2021 के बीच सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख के तौर पर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ सीमा पर भारतीय सेना की समग्र तैयारी में वृद्धि में भूमिका निभाई।
थिएटर कमान का निर्माण मुख्य लक्ष्यभारत के नए सीडीएस के तौर पर जनरल चौहान के सामने सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों के बीच समन्वय और महत्वाकांक्षी ‘थियेटर’ कमान के निर्माण का लक्ष्य है ताकि देश की सेनाओं को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके।सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि जनरल चौहान के सामने सबसे बड़ी चुनौती थियेटर कमान के निर्माण के लिए, सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों के प्रमुखों के बीच सहमति बनानी होगी क्योंकि भारतीय वायु सेना को इसे लेकर कुछ आशंकाएं हैं।पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने कहा कि उनके सामने संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की तैयारी के लिए तीनों सेनाओं और सरकार तथा सरकार के बाहर विभिन्न हितधारकों के बीच सामजंस्य बिठाने की चुनौती होगी। इसके अलावा उन्हें समान विचारधारा वाले देशों को भी साथ लाना होगा।
उत्कृष्ट सैन्य सोच वाले शख्स का चयनसेना के एक अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने जनरल चौहान को एक उत्कृष्ट सैन्य सोच वाला व्यक्ति करार दिया जिन्हें इसकी गहरी समझ है कि भविष्य में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्र की सशस्त्र सेनाओं में किस प्रकार का परिवर्तन करना है।उन्होंने कहा, “वह सौम्य और सहयोगी व्यक्ति हैं और अपने वरिष्ठ तथा मातहत काम करने वालों के बीच उनकी अच्छी छवि है।पूर्व अधिकारी ने कहा कि जनरल चौहान ने साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए बड़े स्तर पर सैन्य नीति निर्धारण करने में अहम योगदान दिया है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को नया सीडीएस नियुक्त किया था। जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन के बाद यह पद खाली हो गया था और नौ महीने से ज्यादा समय से रिक्त था। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय जवानों के हमले के दौरान सेना के सैन्य परिचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) थे।
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