सैनिकों के लिए संशोधित पेंशन नियमों पर CDS का बड़ा बयान- इसे समझने की जरुरत है, डरने की नहीं

सैनिकों के लिए संशोधित विकलांगता पेंशन नियमों पर CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा कि मृत्यु या विकलांगता के लिए मुआवजा दिए जाने वाले किसी भी श्रेणी के व्यक्तियों की पात्रता में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान

नई दिल्ली: सैनिकों की वास्तविक आवश्यकताओं की रक्षा के लिए विकलांगता पेंशन से संबंधित नियमों को संशोधित किया गया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि सैनिकों के लिए संशोधित नियमों का कोई पूर्वव्यापी (Retrospective) आवेदन नहीं होगा। आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नौसेना और वायु सेना प्रमुखों के साथ जनरल चौहान ने कहा कि मृत्यु या विकलांगता के लिए मुआवजा दिए जाने वाले किसी भी श्रेणी के व्यक्तियों की पात्रता में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि सेवा के दौरान विकलांगता प्राप्त करने वाले कर्मियों के वास्तविक हितों की रक्षा करने के साथ-साथ इसके उदार प्रावधानों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक अध्ययन किया गया। पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रावधान यह पात्रता नियम उन व्यक्तियों पर लागू होगा जो 21 सितंबर, 2023 के बाद रिटायर होंगे। कोई पहले का आवेदन नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी श्रेणी के व्यक्तियों को मृत्यु या विकलांगता के लिए मुआवजा दिए जाने की पात्रता में कोई बदलाव नहीं है।

उन्होंने कहा कि इन संशोधित विकलांगता पेंशन नियमों के 'दुरुपयोग' की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि मैं केवल इतना कह सकता हूं कि ये नियम थोड़े स्पष्ट हैं और अगर मैं इस शब्द का उपयोग करता हूं तो इसके दुरुपयोग की संभावना कम हो जाती है। इसलिए उम्मीद है कि अदालती मामले कम होंगे और सशस्त्र बलों के सभी रैंकों के बीच बेहतर तालमेल होगा।

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