गैरजरूरी होने पर भी की जा रही महिलाओं के गर्भाशय निकालने की सर्जरी, केंद्र ने सभी राज्यों से मांगी रिपोर्ट

इस कवायद का उद्देश्य कुछ संस्थानों को अनावश्यक और अनुचित होने पर भी इस प्रक्रिया को करने से रोकने का है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण

Women Uterus Removal Surgery: केंद्र सरकार ने राज्यों से निजी और सरकारी अस्पतालों में महिलाओं के गर्भाशय निकालने (हिस्टरेक्टमी) के मामलों की जानकारी देने को कहा है। इसका उद्देश्य कुछ संस्थानों को अनावश्यक और अनुचित होने पर भी इस प्रक्रिया को करने से रोकने का है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में महिलाओं को बचाने के लिए गर्भाशय निकालने के ऑपरेशन के सभी मामलों का अनिवार्य रूप से ऑडिट कराया जाए।

भूषण ने 28 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि मामला कुछ चिकित्सा संस्थानों द्वारा अनावश्यक होने पर भी और अक्सर अनुचित होने पर भी गर्भाशय निकालने की सर्जरी करने से रोकने से संबंधित है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस पर करीबी नजर रख रहा है।

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