हंगामेदार हो सकता है शीतकालीन सत्र, सरकार पेश करने जा रही जम्मू-कश्मीर से जुड़ा अहम विधेयक
Parliament Winter Session: केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सात नए विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना और जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी विधानसभाओं में महिलाओं को कोटा प्रदान करना शामिल है।
संसद का शीतकालीन सत्र
Parliament Winter Session: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी होने के ठीक एक दिन बाद 4 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सात नए विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना और जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी विधानसभाओं में महिलाओं को कोटा प्रदान करना शामिल है।
शीतकालीन सत्र के लिए सरकार ने 18 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें तीन प्रस्तावित आपराधिक न्याय कानून शामिल हैं जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित करना चाहते हैं ।इस बीच सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सत्र से पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें नए विधेयकों को लेकर चर्चा संभव है। बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा को लेकर विधेयक भी शामिल
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, सरकार एक ऐसा विधेयक लाने की भी योजना बना रही है, जिसमें प्रवासी कश्मीरियों, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों तथा अनुसूचित जनजातियों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सीट की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 किये जाने के प्रावधान हों। सरकार ने सत्र के दौरान विधेयकों के अलावा 2023-24 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच को चर्चा और मतदान के वास्ते सूचीबद्ध किया है।
ये 7 नए विधेयक होंगे पेश
भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को स्थानापन्न करने वाले विधेयक-भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किये गये हैं। तीनों विधेयकों की समीक्षा गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति द्वारा की गई है, जिसने विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध नए विधेयक हैं- बॉयलर विधेयक, करों का अस्थायी संग्रह विधेयक, केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक तथा जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक भी नये विधेयकों में शामिल हैं।
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