केंद्रीय चुनाव आयुक्त बनने के 30 दिनों के भीतर ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में EC ने लिए कई बड़े फैसले, बोगस वोटर्स हो जाएंगे खत्म
केंद्रीय चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल तक सभी राजनीतिक दलों से चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी सभी चिंताओं पर सुझाव मांगा है। यही नहीं आयोग की तरफ से राजनीतिक दलों को उनके संविधान अनुसार मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है।

नवनियुक्त केंद्रीय चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
नवनियुक्त केंद्रीय चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज अपने कार्यकाल का पहला महीना पूरा कर लिया है। चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को और बढ़ाने के लिए न सिर्फ राजनीतिक दलों से बैठकों सिलसिला किया गया बल्कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने की पहल भी हुई है। केरल कैडर के IAS ज्ञानेश कुमार देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त बने हैं। आइए यहां पढ़ते हैं पिछले एक महीने में चुनाव आयोग में क्या बड़े फैसले हुए?
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तीन महीने में बोगस वोटर्स खत्म करने का प्रण
फर्जी मतदाताओं पर लगाम लगाने के लिए आधार कार्ड और वोटर कार्ड को लिंक करने की मांग लंबे समय से उठती रही है। इसको ध्यान में रखते हुए मंगलवार को ही एक बड़ी बैठक में हुई। ये तय हुआ है कि अब चुनाव आयोग और UIADI के एक्सपर्ट इसके तकनीकी पहलुओं पर मंथन करेंगे। राजनीतिक दलों ने मुद्दा उठाया था कि एक ही एपिक नंबर्स के पहचान पत्र अलग अलग लोगों के पास है। हालांकि इस समस्या पर आयोग ने कहा था कि एक वोटर एक ही चुनाव क्षेत्र में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकता है। फिर भी कई दशकों से चली आ रही इस समस्या को नए केंद्रीय चुनाव आयुक्त ने 3 महीने में ही जड़ से खत्म करने का प्रण लिया है।
सभी योग्य नागरिकों को मिलेगा वोट देने का अधिकार
देश में 18 साल से ऊपर हर नागरिक को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित हो इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया सुलभ की जाएगी। इसके साथ ही वोट देने के लिए लंबी लाइनों से छुटकारा देने के लिए केंद्रीय चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बड़ा कदम उठाया है। एक पोलिंग स्टेशन पर 1200 से ज्यादा वोटर्स नहीं होंगे और न ही मतदान केंद्र की दूरी 2 किलोमीटर के अंदर हो। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के दूर दराज इलाकों में सुविधाएं दी जाएंगी। साथ ही शहरी वोटर्स को प्रोत्साहित करने के लिए सोसाइटी में ही पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।।
मतदान कर्मियों की संख्या होगी 1 करोड़
हाल ही में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ हुई कॉन्फ्रेंस में ये तय हुआ मतदान कर्मियों की संख्या 1 करोड़ तक पहुंचानी है। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य चुनावी लोकतंत्र में व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करना था। इसके अलावा आने वाले दिनों में बूथ लेवल ऑफिसर्स के प्रशिक्षण के लिए बड़े पैमाने पर प्रोग्राम चलाया जाएगा।
राजनीतिक दलों के साथ बढ़ा संवाद, अधिकाधिक भागीदारी होगी सुनिश्चित
चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में देश के सभी राजनीतिक दलों की अधिक से अधिक भागीदारी बढ़ाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ने 4 मार्च को सीईओ कॉन्फ्रेंस में ने निर्देश दिया कि सभी 36 मुख्य निर्वाचन अधिकारी, 788 जिला निर्वाचन अधिकारी और 4123 ERO नियमित समय पर पार्टी के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। देश भर में ऐसी बैठकों से कई नए-पुराने मुद्दों का समाधान निकलेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने 31 मार्च तक सभी राजनीतिक दलों के साथ इन बैठकों को पूरा कर लेने का निर्देश दिया है।
सभी राजनीतिकों से मांगा गया सुझाव
केंद्रीय चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल तक सभी राजनीतिक दलों से चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी सभी चिंताओं पर सुझाव मांगा है। यही नहीं आयोग की तरफ से राजनीतिक दलों को उनके संविधान अनुसार मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है। जिससे सभी दल चुनावी प्रक्रिया, मतदाता सूची, EVM को लेकर अपनी चिंताएं और सुझाव आयोग के सामने रख सकें।
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