केंद्र ने 14 मोबाइल मैसेंजर एप को किया ब्लॉक, आतंकी गतिविधियों में होते थे इस्तेमाल

Central blocks 14 mobile messenger apps in India: गृह मंत्रालय ने 14 मोबाइल मैसेंजर एप को देश में ब्लॉक किया गया है। इन मोबाइल मैसेंजर एप का इस्तेमाल पाकिस्तान से सूचनाएं प्राप्त करने के लिए भी किया जाता था।

14 mobile messenger apps blocks

केंद्र सरकार ने 14 मोबाइल मैसेंजर एप देश में किए प्रतिबंधित

Central blocks 14 mobile messenger apps in India: केंद्र सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला करते हुए भारत में चल रहे 14 मोबाइल मैसेंजर एप को पूरी तरह से ब्लॉग कर दिया है। यह फैसला इन मैसेंजर एप के आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल की जानकारी आने के बाद किया गया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने 14 मोबाइल मैसेंजर एप को देश में ब्लॉक किया गया है। कहा गया है कि आतंकी इन एप का इस्तेमाल देश के सौहार्द को बिगाड़ने के लिए करते थे। वे इन एप को जरिए गलत मैसेज फैलाते थे। और तो और इन मोबाइल मैसेंजर एप का इस्तेमाल पाकिस्तान से सूचनाएं प्राप्त करने के लिए भी किया जाता था।

जम्मू-कश्मीर से भेजे जाते थे मैसेजजानकारी के मुताबिक, प्रतिबंधित किए गए मोबाइल मैसेंजर ऐप के जरिए जम्मू कश्मीर में आतंकी ओवर ग्राउंट वर्कर को सीक्रेट मैसेज भेजते थे। वह इन ऐप्स के जरिए अपने समर्थकों और गुर्गों के साथ संवाद स्थापित करते थे। इतना ही नहीं पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से भी दिशानिर्देश प्राप्त करते थे।

नहीं मिलती थी जानकारीकेंद्र सरकार ने यह कदम सुरक्षा एजेंसियों, रक्षा मंत्रालय और खुफिया विभाग की सिफारिश के बाद उठाया है। सामने आया है कि जिन मोबाइल मैसेंजर ऐप्स को ब्लॉक किया गया है, उनके भारत में प्रतिनिधि नहीं थे। ऐसे में भारत सरकार जब इन मोबाइल एप्स से संबंधित जानकारी मांगती थी, तो उन्हें वह जानकारी नहीं मिल पाती थी। ऐसे में सरकार ने इन एप्स को ही ब्लॉक कर दिया है।

इन एप्स को किया गया ब्लॉककेंद्र सरकार ने क्रिप्टवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, मीडियाफायर, ब्रियर, बीजैट, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जंगी और थ्रेमा को ब्लॉक किया है। बता दें, इससे पहले केंद्र सरकार ने फरवरी में चीनी कनेक्शन वाले लगभग सवा सौ ऐप्स को भी बैन कर दिया था। ये ऐप लोन व बेटिंग वाले थे।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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