डीपफेक मामले में नया कानून बना सकती है सरकार, बैठक के बाद आईटी मिनिस्टर ने दिए संकेत

DeepFake Video: अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम आज ही विनियमन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास डीपफेक से निपटने के लिए नए नियम होंगे...यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है।

Ashwini Vaishnaw

आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव

DeepFake Video: देश में बढ़ते डीपफेक मामलों को लेकर केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज इस मुद्दे को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक के बाद उन्होंने इस बात के संकेत दिए हैं कि सरकार डीपफेक वीडियो मामले में नया नियम या कानून बना सकती है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सभी शसोशल मीडिया कंपनियां डीपफेक का पता लगाने, इससे निपटने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने और उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाने जैसी स्पष्ट कार्रवाइयां करने पर सहमत हुईं। हम आज ही विनियमन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास डीपफेक से निपटने के लिए नए नियम होंगे...यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है। उन्होंने डीपफेक को लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा करार दिया।

दिसंबर में होगी दूसरी बैठक

आईटी मिनिस्टर ने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी। आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी। मसौदा विनियमन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में सचिव एमईआईटीवाई, सरकारी अधिकारी और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ शामिल हुए। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब 18 नवंबर को केंद्रीय मंत्री ने इस बात का खुलासा किया था कि सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को डीपफेक मुद्दे को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस में इन प्लेटफार्मों को डीपफेक सामग्री की पहचान करने और उसे हटाने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने का निर्देश दिया गया है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से संरक्षण वापस ले सकती है सरकार

बता दें, केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया था कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफार्म डीपफेक मामले में आवश्यक कार्यवाई नहीं करते हैं तो सरकार उनसे संरक्षण भी वापस लेने पर विचार कर ही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि सेफ हार्बर क्लॉज, जो पारंपरिक रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को सुरक्षित रखता है, अगर वे अपने प्लेटफॉर्म पर डीपफेक के खिलाफ पर्याप्त उपाय करने में विफल रहते हैं, तो यह लागू नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिस सेफ हार्बर क्लॉज का आनंद ले रहे हैं। हालांकि, अगर वे डीपफेक को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं तो यह लागू नहीं होगा।

पीएम मोदी ने भी जताई थी चिंता

बता दें, डीपफेक मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जाहिर की थी। दरअसल, पीएम मोदी का भी एक डीपफेक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्हें गरबा करते और गाना गाते हुए दिखाया गया था। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा था कि डीपफेक वीडियो समाज में अशांति पैदा कर सकते हैं। इससे पहले फिल्म अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का भी डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसको लेकर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। इस मामले को लेकर अमिताभ बच्चन समेत कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी चिंता जाहिर की थी।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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