Broadcasting Services Bill: केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 को किया होल्ड, विस्तृत चर्चा के बाद नया ड्राफ्ट होगा तैयार

केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्ट सेवा नियमन बिल पर सुझाव मांगने का समय बढ़ाया है। सरकार ने कहा कि प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक का नया ड्राफ्ट विस्तृत विचार-विमर्श के बाद जारी किया जाएगा। अब 15 अक्टूबर तक सुझाव मांगे गए हैं। इसको लेकर आरोप लग रहे थे कि सिर्फ कुछ हितधारकों से चर्चा की गई है।

ashwini vaishnaw

फाइल फोटो।

मुख्य बातें
  • सरकार ने 15 अक्टूबर तक मांगे सुझाव।
  • चर्चा के बाद फिर से जारी होगा मसौदा।
  • पिछले साल जारी हुआ था ड्राफ्ट बिल।

Broadcasting Services Bill: सरकार ने सोमवार को कहा कि वह प्रसारण विधेयक का नया ड्राफ्ट तैयार करने के लिए और विचार-विमर्श करेगी। सरकार का यह बयान प्रस्तावित कानून में सोशल और डिजिटल मीडिया पर पाबंदियों को लेकर कुछ हलकों में चिंता के बीच आया है। सरकार द्वारा कुछ हितधारकों के बीच बांटे गए प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक के मसौदे की डिजीपब और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ जैसे मीडिया संगठनों ने आलोचना की थी, जिन्होंने दावा किया कि इस कदम पर डिजिटल मीडिया संगठनों और नागरिक समाज से परामर्श नहीं किया गया।

सुझाव के लिए दिया गया अतिरिक्त समय

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मंत्रालय ड्राफ्ट विधेयक पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श आयोजित कर रहा है। 15 अक्टूबर 2024 तक टिप्पणियां, सुझाव आमंत्रित करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि वह प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक के मसौदे पर काम कर रहा है। मंत्रालय ने कहा ड्राफ्ट विधेयक को हितधारकों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए व्याख्यात्मक नोट के साथ 10 नवंबर 2023 को सार्वजनिक किया गया था।

यह भी पढ़ेंः क्या आकाशवाणी का पुराना नाम जानते हैं आप? जानिए आज की तारीख का इतिहास

सरकार को मिले कई सुझावमंत्रालय ने कहा कि इसके जवाब में कई सिफारिशें, टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए। ड्राफ्ट विधेयक के एक संस्करण में ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स को ओटीटी और डिजिटल समाचार प्रसारकों के साथ जोड़ने की बात की गई है, जिससे उन्हें मंत्रालय की कंटेंट और विज्ञापन संहिता के दायरे में लाया जा सके। प्रावधानों के तहत ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर के लिए एक निश्चित संख्या में सब्सक्राइबर होने पर एक शिकायत निवारण अधिकारी और विषय वस्तु मूल्यांकन समिति की नियुक्ति करना अनिवार्य करने की बात कही गई है।

यह भी पढ़ेंः वक्फ विधेयक मुस्लिम विरोधी है या नहीं? सवाल पर सदन में बवाल; जानें किसकी कैसी राय

क्यों हो रहा है विरोध?

वहीं, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्राफ्ट बिल में प्रिंट मीडिया को छोड़ कर बाकी सभी तरह के ब्रॉडकास्ट मीडिया को रेग्युलेट करने का प्रावधान है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ऑनलाइन कंटेंट को भी रेग्यूलेट किया जाएगा। इस वजह से डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और इंडिविजुअल कंटेंट क्रिएटर्स इसका विरोध कर रहे थे।

इनपुट- भाषा

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

Devshanker Chovdhary author

देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। टाइम्स नाउ सिटी टीम में वह इंफ्रा...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited