नप गई पूजा खेडकर, केंद्र ने लिया बड़ा एक्शन, ट्रेनी IAS के पद से तत्काल प्रभाव से किया मुक्त

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट समेत कई चीजों को लेकर विवादों में घिरी है। पूजा खेडकर पर नकली सर्टिफिकेट पर नौकरी हासिल करने का आरोप लगा है।

IAS Puja Khedkar

पूजा खेडकर ट्रेनी IAS के पद से मुक्त

मुख्य बातें
  • बेल पर है पूजा खेडकर
  • कई विवादों में फंसी है खेडकर
  • फर्जी सर्टिफिकेट का भी लगा है आरोप

विवादित बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ अब केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से ट्रेनी IAS के पद से मुक्त कर दिया है। पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी।

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रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर को आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया। सरकार की ओर से यह कदम संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सरकारी सेवा में उनके चयन को रद्द करने के एक महीने बाद आया है।

यूपीएससी भी ले चुका है एक्शन

खेडकर को ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का लाभ फर्जी तरीके से लेने का दोषी पाया गया है। यूपीएससी ने उनका चयन रद्द करने के बाद उन पर आजीवन प्रवेश परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी थी। यूपीएससी ने उन्हें कई बार परीक्षा देने के लिए अपनी पहचान फर्जी बताने का दोषी पाया था।

पूजा खेडकर के नाम कई विवाद

पूजा खेडकर ने लाल बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करके विवाद खड़ा कर दिया था। खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था। अप्रैल 2022 में, उसे अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया उन्होंने ऐसी सुविधाएं भी मांगीं जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलतीं। पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, 3 जून को प्रशिक्षु के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही खेडकर ने बार-बार मांग की थी कि उन्हें अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराया जाए। हालांकि, उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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