पूर्व अग्निवीरों को केंद्र का तोहफा, BSF में मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण, आयु सीमा में भी छूट
गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों को तोहफा देते हुए कहा कि बीएसएफ भर्ती में इन्हें 10 फीसदी की छूट दी जाएगी। 6 मार्च को एक अधिसूचना के जरिेए इसकी घोषणा की गई है।
पूर्व अग्निवीरों को बीएसएफ में मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण
केंद्र सरकार ने आज पूर्व अग्निवीरों के लिए अहम घोषणा करते हुए उन्हें बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने बीएसएफ में पूर्व-अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की है और साथ ही आयु-सीमा मानदंडों में भी छूट दी है, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि वे पहले बैच का हिस्सा हैं या बाद के बैचों का। गृह मंत्रालय ने 6 मार्च को एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की।
गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (1968 का 47) की धारा 141 की उप-धारा (2) के खंड (बी) और (सी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की। इसमें पूर्व-अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा देने से छूट का भी प्रावधान है।
25 प्रतिशत अग्निवीरों को बरकरार रखने का नियम
गृह मंत्रालय ने अग्निवीर योजना की आलोचना को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। इस योजना के तहत रक्षा बलों में केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनके चार साल के कार्यकाल के पूरा होने के बाद भी बनाए रखा जाता, जबकि बाकी 75 प्रतिशत को हटा दिया जाने का प्रावधान है। इससे पहले केंद्र ने घोषणा की थी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियां पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी।
आयु सीमा में भी छूट
पूर्व-अग्निवीरों के पहले बैच के लिए अधिकतम आयु सीमा में पांच साल तक और बाद के बैचों के लिए तीन साल तक की छूट दी गई है। इसके अलावा पूर्व-अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट दी जाएगी। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में भर्ती के लिए आयु सीमा 18-23 वर्ष है। कोई भी व्यक्ति जो 17-22 वर्ष की आयु में अग्निवीर के रूप में नामांकित है, वह 26 वर्ष की आयु तक सीएपीएफ में भर्ती के लिए अप्लाई कर सकता है।
सीएपीएफ और असम राइफल्स को भी होगा फायदा
अग्निवीरों को सीएपीएफ में समाहित करने का गृह मंत्रालय का फैसला इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह युवाओं को केंद्रीय अर्ध-सैन्य बलों और असम राइफल्स में लंबे कैरियर की पेशकश करके प्रोत्साहित करेगा। यह सीएपीएफ और असम राइफल्स दोनों के लिए लाभदायक होगा जिससे उन्हें 73,000 से अधिक रिक्तियों को भरने में मदद मिलेगी। इस कदम से सीएपीएफ को पूर्व-भर्ती चरण में ही प्रशिक्षित कर्मी मिल सकेंगे और इससे पहले कि नए रंगरूट फील्ड ड्यूटी कर सकें, उनके समय और प्रशिक्षण लागत की बचत होगी।
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