IAS पूजा खेडकर के खिलाफ एक्शन में केंद्र सरकार, जांच के लिए समिति गठित, फर्जी प्रमाणपत्रों के उपयोग का है मामला

IAS Pooja Khedkar News: IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए थे। अब इस मामले की जांच अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी। यह दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेंगे।

IAS Pooja Khedkar

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ जांच के लिए केंद्र ने गठित की समिति।

IAS Pooja Khedkar News: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी प्रमाणपत्र उपयोग करने के आरोप के बाद केंद्र सरकार ने जांच के लिए समिति का गठन किया है। बता दें, पूजा खेडकर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है।
केंद्र ने एक बयान में कहा कि 2023 बैच की अधिकारी, जिन्हें महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है, की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को सत्यापित करने के लिए एक अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

विवाद के बाद ऑडी ने बोलेरों से पहुंची ऑफिस

इस बीच, खेडकर ने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के रूप में अपना नया पदभार संभाल लिया। उनका स्थानांतरण पुणे से हुआ था, जहां उन्होंने लोगों को कथित तौर पर धमकाया था और अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती भी लगा रखी थी। उन्हें अनुचित व्यवहार के आरोपों के कारण सोमवार को पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था। खेडकर गुरुवार को वाशिम स्थित अपने कार्यालय में एक बोलेरो कार में पहुंचीं, जो कि लाल बत्ती वाली उस ऑडी कार से अलग थी, जिसका इस्तेमाल वह पुणे में रहने के दौरान इस्तेमाल करती थीं।

बंद मिले बंगले के दरवाजे

इस बीच पुणे पुलिस की एक टीम पूजा खेडकर के बंगले पर लालबत्ती और वीआईपी नंबर संबंधी उल्लंघन के सिलसिले में ऑडी कार का निरीक्षण करने गई, तो उसे बंगले के द्वार बंद मिले। परिसर में मौजूद उसकी मां ने मीडिया को इस दृश्य का वीडियो बनाने से रोकने का प्रयास किया। पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि प्रशासनिक जटिलताओं से बचने के लिए खेडकर को किसी अन्य जिले में पदस्थापना देने पर विचार किया जाये, जिसके बाद खेडकर को वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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