'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में कहां फंसा है पेच, सरकार ने बताया, नीतीश कुमार पर RJD ने कसा तंज
Special Category Status to Bihar : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक पार फिर उठी है। जद-यू के एक सांसद ने वित्त मंत्री से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के बारे में सवाल किया। अपने जवाब में सरकार ने कहा है कि यह राज्य विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए जरूरी मानकों को पूरा नहीं करता।
पीएम मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार।
- संसद में एक बार फिर उठी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
- जद-यू सांसद ने सरकार से पूछा कि वह अपनी योजना के बारे में बताए
- सरकार ने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा का केस नहीं बनता
Special Category Status to Bihar : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की उम्मीद एक बार फिर धूमिल हो गई है। अपने जवाब में सरकार ने कहा है कि यह राज्य विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए जरूरी मानकों को पूरा नहीं करता। सरकार के इस जवाब के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। इस मुद्दे पर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज दोनों चाहिए। इस मांग को उनकी पार्टी बहुत समय से उठाती आई है।
वित्त राज्य मंत्री ने दिया लिखित जवाब
दरअसल, झंझारपुर से जद-यू के सांसद रामप्रीत मंडल ने वित्त मंत्रालय से सवाल पूछा था कि बिहार और अन्य अति पिछड़े राज्यों में आर्थिक विकास एवं औद्योगीकरण को गति देने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए अभी सरकार की कोई योजना है कि नहीं? इस सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि जहां तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का सवाल है तो यह राज्य जरूरी मानकों को पूरा नहीं करता।
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सर्वदलीय बैठक में भी उठी मांग
संसद सत्र से पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी पार्टियों सहित बिहार के कुछ दलों ने राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग उठाई। जद-यू सांसद के इस प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि अतीत में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) ने कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया है। मंत्री ने कहा कि इन राज्यों में कुछ ऐसी विशेषताएं थीं जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि इनमें पर्वतीय और दुर्गम भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या आदिवासी जनसंख्या की बड़ी हिस्सेदारी, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और बुनियादी संरचना के लिहाज से पिछड़ापन और राज्य के वित्त की अलाभकारी प्रकृति शामिल रहीं।
चौधरी ने आईएमजी की रिपोर्ट का हवाला दिया
चौधरी ने कहा कि फैसला उक्त सूचीबद्ध सभी कारकों और किसी राज्य की विशिष्ट स्थिति के एकीकृत विचार के आधार पर लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘पूर्व में विशेष श्रेणी के दर्जे के बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। आईएमजी ने यह निष्कर्ष निकाला था कि एनडीसी के मौजूदा मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है।’ वर्ष 2012 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार केंद्र में थी।
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संसद से सड़क तक संघर्ष करेगा राजद-मनोज झा
रविवार को सर्वदलीय बैठक में जद(यू) नेता संजय कुमार झा ने विशेष राज्य के दर्जे की अपनी पार्टी की मांग दोहराई थी। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी बैठक में यह मांग उठाई थी।
राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग सोमवार को राज्यसभा में भी उठी। राजद के सदस्य मनोज झा ने उच्च सदन में बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे के साथ-साथ विशेष पैकेज देने की भी मांग उठाई और कहा कि इसके लिए उनकी पार्टी संसद से सड़क तक संघर्ष करेगी।
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