इन खूबियों से अनिल चौहान बने CDS,चीन से लेकर इन चुनौतियों का होगा सामना

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान साल 2021 में रिटायर होने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। इसके पहले वह ईस्टर्न आर्मी के कमांडर और सैन्य अभियानों के महानिदेशक रह चुके थे। उनके पास बालाकोट स्ट्राइक से लेकर चीन की चुनौती से निपटने का अनुभव है।

NEW CDS Anil Chauhan

सीडीएस अनिल चौहान

मुख्य बातें
  • भारत सरकार ने जब जून में नए सीडीएस के चयन के लिए नियमों में बदलाव किया था।
  • जनवरी 2020 को देश के पहले सीडीएस के रूप में जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति हुई थी।
  • नए सीडीएस के सामने चीन और बदलते दौर के नए युद्धों से निपटने की प्रमुख चुनौती होगी।

New CDS Anil Chauhan Challenges: देश को दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) मिल गया है। भारत सरकार ने जब जून में नए सीडीएस के चयन के लिए नियमों में बदलाव किया था, तो उस वक्त ही यह अंदाजा हो गया था, कि उसकी नजर किसी खास सेना अधिकारी पर है। और 28 सितंबर को जब लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को जनरल बिपिन रावत की जगह नियुक्त किया गया था। तो यह फैसला भारतीय सेना के इतिहास में रिकॉर्ड बना गया। क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि रिटायर्ड सेना अधिकारी को, शीर्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।अनिल चौहान फोर स्टार अधिकारी होंगे। जबकि इसके पहले वह थ्री स्टार अधिकारी के पद से रिटायर हुए थे।

रिटायरमेंट के बाद अजीत डोभाल के थे सलाहकार

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटार्यड) अनिल चौहान साल 2021 में रिटायर होने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। इसके पहले वह ईस्टर्न आर्मी के कमांडर और सैन्य अभियानों के महानिदेशक रह चुके थे। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के सैन्य सलाहकार के रुप में चौहान के पास सैन्य और रणनीतिक आपरेशन का बेहद अहम अनुभव है।

बालाकोट स्ट्राइक से लेकर चीन की चुनौती का अनुभव

मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामूला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। ऐसे में उनके पास आतंक विरोधी अभियान और चीन की सीमा पर चीनी सेना से निपटने का भी खास अनुभव रहा है।

क्या काम करता है सीडीएस

देश में पहली बार, एक जनवरी 2020 को सीडीएस पद पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति हुई थी। सीडीएस सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री का मुख्य सलाहकार होता है। उसके पास स्पेस और साइबर कमांड का भी जिम्मा होता है। इसी तरह बदलते दौर में आगे की लड़ाई में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री को जब एक सिंगल प्वाइंट सलाह की जरूरत पड़ेगी। तो सीडीएस,सभी सेना प्रमुखों से सभी विकल्पों पर चर्चा कर बेस्ट सलाह देने का काम करेगा। इसी रणनीति के तहत पूर्व सीडीएस बिपिन रावत काम कर रहे थे।

थिएटर कमांड बनाने की चुनौती

जनरल बिपित रावत ने भारत में थिएटर कमांड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस समय वेस्टर्न और ईस्टर्न कमांड पर काम चल रहा है। इसका फायदा यह है कि इससे किसी मोर्चे पर प्लानिंग और एक्जीक्यूशन आसान हो जाएगी। इसके तहत सभी एजेंसियों को एक साथ लाकर बेहतर तरीके से काम हो सकेगा। पाकिस्तान और चीन की चुनौती को देखते हुए वेस्टर्न और ईस्टर्न कमांड बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा भविष्य की चुनौती को देखते हुए, डिजिटल और स्पेस युद्ध के लिए भारतीय सेना को तैयार करना होगा।

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