करंट हादसे के बाद चमोली का हरमनी गांव लोगों की चीत्कार से दहला, मृतकों का अलकनंदा के तट पर अंतिम संस्कार
उत्तराखंड के चमोली में हुए करंट हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की अलकनंदा के तट पर गुरुवार को अंत्येष्टि की गई। हादसे का शिकार हुए हरमनी,रांगतौली और रोपा गांवों के 12 लोगों का पारंपरिक घाटों पर बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
Chamoli incident
Chamoli Incident: चमोली का हरमनी गांव बुधवार को उस समय गमगीन लोगों के चित्कार से दहल उठा जब यह पता चला कि वहां के कम से कम 10 लोग बिजली का करंट लगने से काल के गाल में समा चुके हैं। गांव से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे के बाद महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। उन्हें अभी तक भरोसा नहीं हो रहा है कि जल्द लौटने का वादा करके निकले उनके परिजन अब कभी वापस नहीं आएंगे। गांव के एक बुजुर्ग चमन लाल ने कहा कि एक झटके में हमारा गांव वीरान हो गया।
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करंट लगने से हुई मौतों के सदमे में लोग
जल मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) में मंगलवार की रात करंट लगने की हुई घटना में वहां कार्यरत गणेश लाल (27) की मौत की खबर से अभी लोग उबर भी नहीं पाए थे कि बुधवार उन्हें इतना जबरदस्त झटका मिला। गणेश लाल की मौत पर रोष प्रकट करने के लिए उसके पिता महेंद्र लाल (50)और भाई दीपू कुमार (33) अन्य रिश्तेदारों के साथ चमोली कस्बे में अलकनंदा के किनारे स्थित एसटीपी पहुंचे जहां पंचनामे की कार्यवाही के लिए पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। अचानक इसी दौरान फिर से बिजली का करंट फैला और हादसे में महेंद्र लाल और दीपू कुमार सहित गांव के अन्य सात लोग भी अपनी जान गंवा बैठे। करंट लगने से इसी गांव के तीन अन्य लोग घायल भी हुए हैं।
हादसे में कुल मिलाकर 16 व्यक्तियों की मृत्यु हुई जबकि 10 अन्य घायल हुए। पुलिस ने बताया कि गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। चमोली के पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह ने बताया कि चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में शवों के पोस्टमार्टम और पंचनामे की कार्यवाही पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह शवों को अंत्येष्टि के लिए उनके घर भेज दिया जाएगा।
चमोली करंट हादसे के मृतकों का अलकनंदा के तट पर अंतिम संस्कार
उत्तराखंड के चमोली में हुए करंट हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की अलकनंदा के तट पर गुरुवार को अंत्येष्टि की गई। हादसे का शिकार हुए हरमनी,रांगतौली और रोपा गांवों के 12 लोगों का पारंपरिक घाटों पर बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। कुहेड़ और बाजपुर गांव के समीप स्थित श्मशान घाटों पर आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग मृतकों को अंतिम विदाई देने आए। हादसे में मारे गए मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) में कार्यरत एवं हरमनी गांव के रहने वाले गणेश लाल, उसके भाई दीपू कुमार और उनके पिता महेंद्र लाल को मुखाग्नि उनके छोटे भाई मनीष ने दी। होम गार्ड मुकुंदी राम और गोपाल का दाह संस्कार उनके पुत्रों ने किया ।
हादसे में मारे गए पुलिस उप निरीक्षक प्रदीप रावत सहित अन्य चार का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांवों में किया गया। इस हादसे के मद्देनजर शोक में चमोली समेत आसपास के इलाकों में बाजार तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी बंद रही। चमोली कस्बे में अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे परियोजना के तहत बने (एसटीपी) में बुधवार को करंट फैलने से 16 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी जबकि 11 अन्य घायल हो गए थे।
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