क्या अकेले पड़ गए चंपई सोरेन? 4 वफादार अब भी हेमंत के साथ, अगले कदम पर सस्पेंस बरकरार
चंपई पिछले सप्ताह दिल्ली पहुंचे थे और सीएम पद से अचानक हटाए जाने पर झामुमो नेतृत्व के खिलाफ ट्वीट के जरिए निराशा जताई थी। अब तक साफ नहीं हुआ है कि चंपई सोरेन का अगला कदम क्या होगा।
क्या करेंगे चंपई सोरेन?
Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के दिग्गज नेता चंपई सोरेन के अगले कदम पर सस्पेंस बना हुआ है। उनका दिल्ली दौरा भी खत्म हो गया, बीजेपी में शामिल होने के कयास लगते रहे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस साल के अंत में झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उनके राजनीतिक कदमों को लेकर अटकलें अब भी गर्म हैं। मंगलवार को वह झारखंड लौट आए लेकिन खुद को अकेले ही पाया। उनके करीबी चार सहयोगियों ने मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन के प्रति निष्ठा दिखाई है। चंपई पिछले सप्ताह दिल्ली पहुंचे थे और सीएम पद से अचानक हटाए जाने पर झामुमो नेतृत्व के खिलाफ ट्वीट के जरिए निराशा जताई थी। अब तक साफ नहीं हुआ है कि चंपई सोरेन का अगला कदम क्या होगा।
हेमंत की गिरफ्तारी के बाद चंपई को कमान
इस साल जनवरी में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद हेमंत ने चंपई को अपना उत्तराधिकारी चुना था। हालांकि, हेमंत के जमानत पर रिहा होने के बाद पार्टी ने जुलाई में चंपई को पद से हटा दिया। इससे आहत चंपई ने अपनी बात रखी और उनके पोस्ट से हंगामा शुरू हो गया और पार्टी के मतभेद सामने आ गए। बताया गया कि चंपई को झामुमो के चार सहयोगियों और पार्टी से बाहर किए गए विधायकों का समर्थन हासिल था। उनके कदम से झामुमो और हेमंत सोरेन को झटका लगा और भाजपा को इंडिया ब्लॉक और सीएम हेमंत पर हमला करने का मौका मिल गया।
हेमंत सोरेन की पार्टी पर पकड़ मजबूत
लेकिन मंगलवार को चंपई की स्थिति कमजोर हो गई और हेमंत सोरेन ने पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक चंपई के करीबी बताए जा रहे झामुमो के चार विधायकों ने हेमंत से मुलाकात की और भाजपा में जाने की अटकलों से इनकार किया। ये चार विधायक हैं, रामदास सोरेन (घाटशिला), संजीव सरदार (पोटका), मंगल कालिंदी (जुगसलाई) और समीर कुमार मोहंती (बहरागोड़ा)।
विधायक रामदास हेमंत के साथ
विधायक रामदास ने सीएम हेमंत के आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, शिबू सोरेन हमारे राजनीतिक गुरु हैं और झामुमो मेरा घर है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। हेमंत बाबू ने हमसे मुलाकात की और हमें विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी तेज करने का निर्देश दिया क्योंकि अब बहुत कम समय बचा है। झामुमो के पश्चिमी सिंहभूम अध्यक्ष रामदास ने इस बात से इनकार किया कि चंपई ने उनसे हेमंत के खिलाफ बगावत करने के लिए संपर्क किया था। रामदास ने कहा कि हम झामुमो में हैं और अगर चंपई दा पार्टी में हैं, तो हम उनके साथ रहेंगे।
चंपई बोले, उड़ रही अफवाहें
वहीं, मंगलवार को झारखंड वापस जा रहे चंपई ने जोर देकर कहा कि अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने किसी भी भाजपा नेता से संपर्क नहीं किया। चंपई ने कहा, मैं यहां निजी काम से आया था और समझ नहीं आ रहा कि ऐसी अफवाहें कौन फैला रहा है। हालांकि पूर्व सीएम का खेमा अगली कार्रवाई पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन 68 वर्षीय चंपई के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह आने वाले दिनों में एक सार्वजनिक बैठक कर अगले कदम का खुलासा कर सकते हैं।
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