Jharkhand: 'थोड़ा और समय मिलता तो...', पूर्व CM चंपई सोरेन का छलका दर्द, बोले- मानना पड़ता है निर्णय

Champai Soren: सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन पहली बार अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सरायकेला पहुंचे। उन्होंने कहा कि काम करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होतीं। मैंने सीएम के रूप में अच्छा काम करने का प्रयास किया। हमने सभी जाति, समुदाय के लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं लाईं। ​

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन

मुख्य बातें
  • CM पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार सरायकेला पहुंचे चंपई सोरेन
  • चंपई सोरेन ने शुरू की थी जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली
  • चंपई सोरेन को शिक्षकों को नियुक्ति पत्र नहीं दे पाने का है अफसोस

Champai Soren: झारखंड के सीएम पद से हटने पर चंपई सोरेन का ‘दर्द’ छलक पड़ा है। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सरायकेला पहुंचे चंपई सोरेन ने कहा कि उन्हें थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ करने की इच्छा थी।

चंपई सोरेन का छलका दर्द

मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि काम करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होतीं। मैंने सीएम के रूप में अच्छा काम करने का प्रयास किया। हमने सभी जाति, समुदाय के लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं लाईं। मैं कम समय में जितना काम कर पाया, उससे संतुष्ट हूं।

शिक्षक बहाली, पुलिस विभाग में भर्ती, जनजातीय भाषाओं पर आधारित शिक्षकों की भर्ती और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की। 21 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री माई-कुई (बहन-बेटी) योजना शुरू की। 200 यूनिट बिजली मुफ्त करने का फैसला लिया। इसका लाभ आम जनता को मिलेगा।

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