'2024 में एक साथ चुनाव कराने का मौका, राजनीतिक दलों को लें साथ', बोले पूर्व सीईसी रावत

Elections: भारतीय जनता पार्टी ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का पूरा समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस ने सावधानीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया है। हालांकि कुछ राजनीतिक दलों और विश्लेषकों ने इसके प्रति बहुत उत्साह नहीं दिखाया है। रावत ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पहले सरकार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर विस्तृत योजना सौंपी थी। मेरा मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव हर पांच साल में एक साथ कराए जा सकते हैं, जैसा कि देश में 1967 तक होता था।

देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत। (File Photo)

Elections: देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत (Former Chief Election Commissioner OP Rawat) ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ अवधारणा का समर्थन करते हुए कहा है कि 2024 में लोकसभा (Lok Sabha) और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) एक साथ कराने का मौका है, लेकिन इस पर आगे बढ़ने से पहले सभी राजनीतिक दलों (Political Parties) को विश्वास में लिया जाना चाहिए। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान चुनाव प्रणाली में किसी भी बदलाव के लिए कई संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता होगी।

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बदलाव के लिए कई संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर जोर दिया है, जबकि निर्वाचन आयोग, विधि आयोग और नीति आयोग जैसे प्रमुख निकायों ने भी अलग-अलग चुनावों को कराने में हो रहे भारी खर्च को देखते हुए इस विचार को उपयोगी बताया है। देश में सालभर नियमित अंतराल में कोई न कोई चुनाव होता रहता है, जिससे सभी राजनीतिक दल हर समय चुनावी मोड में रहते हैं।

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