चंद्रबाबू नायडू: 1995 में आंध्र प्रदेश में ला दिया था सियासी भूचाल, सीएम बनते ही किया कमाल, दिलचस्प है सियासी सफर

चंद्रबाबू नायडू का सियासी सफर बेहद उतार-चढ़ाव भरा और दिलचस्प रहा है। उन्होंने तिरुपति में एक छात्र नेता के रूप में कांग्रेस में शामिल होकर अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी।

चंद्रबाबू नायडू का सियासी सफर

Chandrababu Naidu Political Journey: आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल तेलुगू देशम पार्टी (TDP), जनसेना और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने आज टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) को विधानसभा में एनडीए का नेता चुन लिया। अब एनडीए नेता राज्यपाल एस अब्दुल नजीर से मुलाकात करेंगे और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नायडू के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नायडू के साथ जनसेना और भाजपा के कुछ नेता 12 जून को मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

12 जून को हो सकता है शपथ ग्रहण

नायडू 12 जून को सुबह 11.27 बजे गन्नवरम हवाईअड्डे के पास केसरपल्ली आईटी पार्क में शपथ ग्रहण कर सकते हैं। टीडीपी के आधिकारिक समाचार बुलेटिन के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कुछ मंत्री भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं। आंध्र प्रदेश में एनडीए ने हाल में संपन्न लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की है।

चंद्रबाबू नायडू का सियासी सफर

चंद्रबाबू नायडू का सियासी सफर बेहद उतार-चढ़ाव भरा और दिलचस्प रहा है। उन्होंने तिरुपति में एक छात्र नेता के रूप में कांग्रेस में शामिल होकर अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी। वह 1978 में पहली बार कांग्रेस विधायक चुने गए। तब वह सिर्फ 28 साल के थे और संजय गांधी के करीब आ गए थे। जब दो साल बाद उन्हें सिनेमैटोग्राफी मंत्री बनाया गया, तो उनकी मुलाकात बेहद लोकप्रिय फिल्म स्टार नंदमुरी तारक रामा राव से हुई, जिन्हें एनटीआर भी कहा जाता था। उन्होंने एनटीआर की बेटी भुवनेश्वरी से शादी की। उस दौर में एनटीआर ने एक नई पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) लॉन्च की और अगले चुनावों में क्लीन स्वीप किया। अपनी फिल्मों में पौराणिक पात्रों की भूमिकाएं निभाने वाले एनटीआर लोकप्रिय अभिनेता से एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री बने। नायडू ने टीडीपी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी और पार्टी में कई पदों पर काम किया।

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