चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास, अब चांद की धरती पर अपनी छाप छोड़ रहा रोवर प्रज्ञान
गुरुवार को रात लगभग 12.30 बजे रोवर लैंडर से चंद्रमा की सतह पर आकर चारों ओर घूम रहा है। यह चंद्रमा की सतह पर अपनी छाप छोड़ रहा है।
रोवर प्रज्ञान
Chandrayaan-3 Landing: चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद यह अपने मिशन पर जुट गया है। अब रोवर प्रज्ञान चांद की धरती पर अपनी छाप छोड़ रहा है। रोवर कुल 14 दिनों तक चांद पर रहेगा और अहम डेटा जुटाएगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत का चंद्रमा रोवर अब चांद पर घूम रहा है और मिट्टी पर अपनी छाप छोड़ रहा है।
गुरुवार को रात लगभग 12.30 बजे रोवर लैंडर से चंद्रमा की सतह पर आकर चारों ओर घूम रहा है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक डॉ. एस. उन्नीकृष्णन नायर ने आईएएनएस को बताया, यह चंद्रमा की सतह पर अपनी छाप छोड़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक को रोवर के पहियों पर उकेरा गया है, ताकि जब यह चारों ओर घूमे तो अपनी छाप छोड़ सके।
ये भी पढ़ें- Vikram से बाहर निकलकर चांद पर टहलने लगा Pragyan, 'मेड इन इंडिया, मेड फॉर मून'
रोवर और लैंडर के सौर पैनल खोले गए
उन्नीकृष्णन के अनुसार, रोवर के सौर पैनल और लैंडर के सौर पैनल खोल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि रोवर चंद्रमा के नमूने एकत्र करेगा और प्रयोग करेगा और डेटा लैंडर को भेजेगा। भारत का चंद्रमा लैंडर, जो बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरा, वह इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु में मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स को संदेश भेजेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या लैंडर योजना के अनुसार उतरा है या इसमें कोई भिन्नता है, उन्नीकृष्णन ने कहा कि मौजूदा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सब कुछ योजना के अनुसार हुआ है। उन्नीकृष्णन ने कहा, हमें आगे जानने के लिए उड़ान के बाद का आकलन करना होगा।
600 करोड़ रुपये का चंद्रयान-3 मिशन
बता दें कि मून लैंडर और रोवर 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा हैं। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, चंद्रमा रोवर में लैंडिंग स्थल के आसपास मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) है। अपनी ओर से, लैंडर भी अपने पेलोड के साथ उसे सौंपे गए कार्यों को पूरा करेगा। इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन 1 चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है। (आईएएनएस इनपुट)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
'पाकिस्तान से नहीं हुई कोई बातचीत', जयशंकर बोले- हमने कभी नहीं रोका व्यापार
जलगांव ट्रेन हादसा: मृतकों की संख्या 13 पहुंची, रेलवे ने किया पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान
आज की ताजा खबर 23 जनवरी 2025 हिंदी समाचार LIVE Updates: जलगांव ट्रेन दुर्घटना में रेलवे ने किया मुआवजे का ऐलान...गरियाबंद मुठभेड़ में दो और नक्सलियों के शव बरामद
Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार दिखेगी सेना के तीनों अंगों की संयुक्त झांकी
कर्नाटक एक्सप्रेस के चालक को क्यों नहीं दिखी पटरी पर यात्रियों की भीड़, कारण का चल गया पता
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited