Chandrayaan-3: चांद पर नया इतिहास लिखने जा रहा है भारत, जानिए चंद्रयान की अनसुनी कहानी!

Mission Chandrayaan 3: भारत के वैज्ञानिकों ने फिर से मिशन चंद्रयान की तैयारी की और अब चंद्रयान का तीसरा मिशन लॉन्च होने वाला है। चंद्रयान-3 के लॉन्च की डेट आ चुकी है, पीएम मोदी ने जो हौसला दिया, उससे भारत चांद पर नया इतिहास लिखने वाला है।

Mission Chandrayaan 3: पीएम नरेंद्र मोदी ने हौसला दिया और अब भारत चांद पर इतिहास लिखने वाला है। भारत वो तस्वीरें कभी नहीं भूलेगा। जब चंद्रयान-2 में कुछ कमी रह गई थी और पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को हौसला दिया था। तब पीएम ने कहा था कि हम निश्चित तौर पर सफल होंगे और इस मिशन के अगले प्रयास में सफलता हमारे साथ होगी। इसी हौसले की वजह से भारत के वैज्ञानिकों ने फिर से मिशन चंद्रयान की तैयारी की और अब चंद्रयान का तीसरा मिशन लॉन्च होने वाला है। चंद्रयान-3 के लॉन्च की डेट आ चुकी है, पीएम मोदी ने जो हौसला दिया, उससे भारत चांद पर नया इतिहास लिखने वाला है। चंद्रयान-3 को 13 जुलाई को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया जाएगा। इसरो के मुताबिक चंद्रयान पूरी तरह तैयार है। चंद्रयान को ले जाने वाले रॉकेट LVM 3 की असेंबली श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस स्टेशन पर चल रही है। फाइनल राउंड के टेस्ट पूरे हो जाने के बाद चंद्रयान 3 की 13 जुलाई को लॉन्चिंग होगी।

इस बार पूरी उम्मीद है कि भारत चांद की सतह पर चंद्रयान 3 को सफलतापूर्वक उतार देगा। क्योंकि इस बार चंद्रयान 3 को चंद्रयान 2 की तुलना में अपग्रेड और एडवांस वर्जन तैयार किया है। पिछली बार चंद्रयान 2 चांद की सतह से लगभग 2 किलोमीटर ऊपर नष्ट हो गया था। इसके बारे में आगे बताउंगा ताकि आपको ये भरोसा हो सके कि चंद्रयान 3 इस बार चांद पर लैंड की नहीं बल्कि इसका रोवर चांद की सतह पर चलेगा भी लेकिन इतना समझ लीजिए। अगर चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं।

चंद्रयान 3 में चंद्रयान 2 की तरह ही पूरी प्रोसेस होगी, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसरो ने स्पेस शिप को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए तीन हिस्से तैयार किए हैं, जिसे टेक्निकल भाषा में मॉड्यूल कहते हैं। चंद्रयान-3 मिशन में मॉड्यूल के 3 हिस्से हैं।

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