कब लॉन्च होगा Chandrayaan-III, जानिए इसरो की तैयारियां और मिशन से जुड़ी खास बातें
इस साल मार्च में चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने जरूरी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था। अब चंद्रायान की उड़ान का इंतजार है।
Chandrayaan-3 : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तैयारी के अंतिम चरण में है। अंतरिक्ष यान यूआर राव उपग्रह सेंटर (UR Rao Satellite Centre) में पेलोड के अंतिम संयोजन में है। चंद्रयान-3 मिशन लैंडिंग साइट के आसपास के क्षेत्र में लूनर रेजोलिथ, लूनर भूकंपीयता, चंद्र सतह प्लाज्मा पर्यावरण और मौलिक संरचना के थर्मो-भौतिक गुणों का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक उपकरणों को लेकर जाएगा।
इसके लॉन्चिंग की तारीख भी सामने आ गई है। अंतरिक्ष यान जुलाई में लॉन्च होने वाला है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में लॉन्च कर सकते हैं, आखिरी तारीख अभी तय की जानी बाकी है। इस साल मार्च में चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने जरूरी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था। चंद्रयान कार्यक्रम का हिस्सा तीसरा अंतरिक्ष यान श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के सबसे भारी लॉन्च वाहन लॉन्च व्हीकल मार्क- III (जिसे जीएसएलवी एमके III भी कहा जाता है) लॉन्च करेगा। अंतरिक्ष यान तीन प्रणालियों का एक संयोजन है; प्रणोदन (propulsion), लैंडर और रोवर।
जानिए मिशन से जुड़ी कुछ अहम बातें
- चंद्रयान -3 मिशन, चंद्रयान -2 मिशन के बाद का मिशन है जो चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में एंड-टू-एंड क्षमता प्रदर्शित करेगा और इसमें लैंडर-रोवर कॉन्फिगरेशन शामिल होगा।
- इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान -3 का प्राथमिक उद्देश्य सटीक लैंडिंग है। इसके लिए कई काम किए जा रहे हैं, जिसमें नए उपकरणों का निर्माण, बेहतर एल्गोरिदम का निर्माण, विफलता मोड का ध्यान रखना शामिल है।
- इसरो ने CE-20 क्रायोजेनिक इंजन का उड़ान स्वीकृति गर्म परीक्षण (hot test) पूरा कर लिया है जो चंद्रयान -3 के लॉन्च वाहन के क्रायोजेनिक ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करेगा।
- ये परीक्षण 25 सेकंड की अवधि के लिए तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर की परीक्षण सेंटर में किया गया था।
- चंद्रयान -3 लैंडर ने भी यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में सफलतापूर्वक ईएमआई/ईएमसी परीक्षण पूरा किया।
चंद्रयान-II की तरह होगा ढांचा
हाल ही में एस सोमनाथ ने कहा था कि इसका ढांचा चंद्रयान-2 की तरह होगा और इसमें आर्बिटर (कक्ष में घूमने वाली), लैंडर (सतह पर उतरने की क्षमता) और रोवर (सतह पर चलने की क्षमता) होगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आर्बिटर को उन सभी भार (पेलोड्स) के साथ विकसित किया गया है जो कि चंद्रयान द्वितीय में थे। इसमें बहुत कम भार होगा। किंतु प्राथमिक लक्ष्य लैंडर को चंद्रमा की कक्ष में ले जाना और उसे चंद्रमा की सतह पर उतारना है।
चंद्रयान-तृतीय का प्राथमिक उद्देश्य सटीक ढंग से चंद्रमा की सतह पर उतरना है । इसरो प्रमुख ने कहा कि हमें यह उम्मीद करनी चाहिए चंद्रयान-तृतीय लैंडिंग के काम को सही से अंजाम देगा, रोवर बाहर निकालेगा और चंद्रमा की सतह पर कम से कम दिन के समय वह पर्यवेक्षण करेगा, जो असल में काफी रोचक होगा।
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