चांद के दक्षिणी ध्रुव का क्या है रहस्य, यहां पहुंचने के लिए मतवाली क्यों है दुनिया? समझिए सबकुछ

Chandrayaan-3: चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव इतना रहस्यमयी क्यों है? अमेरिका और रूस जैसे देश भी अब तक यहां क्यों नहीं पहुंच पाए हैं? आखिर बार-बार सभी चंद्रमिशन यहां आकर क्रैश क्यों हो जाते हैं? इस हिस्से को जानने के लिए दुनिया भर में होड़ क्यों लगी हुई हैं? आइए जानते हैं...

चंद्रयान-3

Chandrayaan-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के लिए एक होड़ लगी हुई है। अमेरिका, चीन, रूस, इजराइल और जापान जैसे दुनिया के तमाम देश चांद के इस अबूझ हिस्से को जानना और समझना चाहते हैं। यहां तक पहुंचने की कोशिश बहुत हुई हैं, लेकिन अब तक सभी देशों को नाकामी हाथ लगी है। हाल ही में रूस ने भी अपने चंद्र मिशन लूना-25 को दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने की कोशिश की थी, लेकिन वह क्रैश हो गया।

अब दुनिया भर की नजरें भारत की ओर हैं। भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से बस कुछ कदम दूर है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश हो जाएगा। इसरो के मुताबिक, 23 अगस्त, 2023 को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा और इसी के साथ भारत का नाम इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो जाएगा।

आइए समझते हैं कि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव इतना रहस्यमयी क्यों है? अमेरिका और रूस जैसे देश भी अब तक यहां क्यों नहीं पहुंच पाए हैं? आखिर बार-बार सभी चंद्रमिशन यहां आकर क्रैश क्यों हो जाते हैं? इस हिस्से को जानने के लिए दुनिया भर में होड़ क्यों लगी हुई हैं? जानते हैं...

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