Chandrayaan 3 Launched: चांद की ओर चला चंद्रयान-3, सतीश धवन केंद्र से हुआ सफल प्रक्षेपण
Chandrayaan 3 Mission Launched: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 शुक्रवार को चंद्रमा की तरफ रवाना हो गया। इसरो के इस अंतरिक्ष यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर बाद दो बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया।
करीब एक महीने के बाद चंद्रमा की सतह पर उतरेगा चंद्रयान-3।
Chandrayaan 3 Mission Launched: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 शुक्रवार को चंद्रमा की तरफ रवाना हो गया। अंतरिक्ष यान का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर बाद दो बजकर 35 मिनट पर सफल प्रक्षेपण हुआ। इसे एलवीएम3एम4 रॉकेट के जरिए छोड़ा गया है। यह रॉकेट भारी उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा। रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो केंद्र के वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। करीब 40 दिनों के बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने कहा कि अपनी अंतरिक्ष यात्रा में भारत ने एक नया अध्याय लिखा है।
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पीएम ने इसरो को दी बधाई
लॉन्चिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई दी। पीएम ने अपने ट्वीट में कहा कि 14 जुलाई 2023 का यह दिन इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज होगा। हमारा तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 आज अपनी यात्रा पर निकल रहा है। यह यान देश के सपनों एवं उम्मीदों को लेकर जाएगा। पीएम मोदी ने यह संदेश फ्रांस से भेजा। वह दो दिन के दौरे पर फ्रांस में हैं। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर देश भर में उत्साह का माहौल है। लोग इसरो के इस मिशन पर गर्व कर रहे हैं। सभी को उम्मीद है कि इस बार यह मिशन सफल होगा।
रॉकेट लॉन्चपैड से किताब का विमोचन
इससे पहले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता विनोद मनकारा की नई किताब का यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के ‘रॉकेट लॉन्चपैड’ से विमोचन किया गया। विज्ञान से संबंधित लेखों का संग्रह ‘प्रिज्म : द एन्सेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो’ का बृहस्पतिवार शाम को एसडीएससी-एसएचएआर में उस समय अनोखा विमोचन किया गया, जब भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण की तैयारियां जोर-शोर से हो रही है।
वैश्विक अंतरिक्ष कारोबार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने कहा कि इसकी सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा और इससे देश में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि इससे भारत को वैश्विक अंतरिक्ष कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में 600 अरब डॉलर के अंतरिक्ष उद्योग में भारत की हिस्सेदारी बेहद कम दो प्रतिशत है। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ने कहा कि चूंकि भारत अब प्रौद्योगिकी विकास में निजी भागीदारी को आमंत्रित कर रहा है, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक स्टार्टअप के प्रवेश की गुंजाइश भी बढ़ेगी।
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