चंद्रयान-3: 'शिव शक्ति' नाम पचा न पाया विपक्ष! पूछा- मोदी 'चांद के मालिक' हैं क्या, हर चीज कम्युनलाइज क्यों करते हैं?
Shiv Shakti Name Controversy: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर इतिहास रच दिया था और भारत ऐसा साहसिक कारनामा करने वाला दुनिया का पहला और अब तक का एकमात्र देश बन गया।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Shiv Shakti Name Controversy: चंद्रयान-3 के लैंडिंग वाली लोकेशन के नामकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को विपक्षी दलों ने घेरा। शनिवार (26 अगस्त, 2023) को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से इस बाबत कड़ी और तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। कांग्रेस के सीनियर प्रवक्ता राशिद अल्वी ने दो टूक पूछा कि क्या मोदी चांद की सतह के मालिक हो गए हैं, जो वह इस तरह लोकेशंस को नाम दे रहे हैं? इस बीच, यूपी के संभल से सपा सांसद डॉ शफीक उर रहमान बर्क ने भी सीधा सवाल दागा कि ये लोग (भाजपाई) हर चीज का साम्प्रदायिकीकरण (कम्युनलाइज) क्यों करने लग जाते हैं?
अल्वी ने मीडिया से कहा- यह हास्यास्पद है। बीजेपी के लोगों की आदत बन चुकी है कि वे कभी सड़कों के नाम बदलते हैं तो कभी शहरों के नाम चेंज कर देते हैं। वह अब चांद तक पहुंच गए। क्या प्रधानमंत्री चांद की सतह के मालिक है, जिसका वह नामकरण कर रहे हैं? कल को कोई दूसरा मुल्क पहुंचेगा, तब वह अपना नाम रखेगा। वह सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और वह कुछ नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया- पूरी दिल्ली में चंद्रयान-3 से जुड़े जो पोस्टर्स लगे हैं, उनमें सिर्फ पीएम हैं, जबकि वैज्ञानिकों के फोटो उनमें गायब हैं। ऐसा लगता है कि इसरो प्रधानमंत्री चला रहे हैं और चंद्रयान-3 भी वही लेकर गए। यह चीजें दर्शाती हैं कि बीजेपी की क्या मानसिकता है।
इस बीच, बर्क ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जहां तक ताल्लुक है, इन मसलों पर आप अपनी तौर पर कुछ भी कहने लगे। यह हर चीज का साम्प्रदायिकीकरण (कम्युनलाइज) क्यों करते हैं? यह ईमानदारी से वैज्ञानिक और देश के राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर नामकरण कर सकते थे? अगर नाम ही रखना था तो ईमानदारी से उनका नाम रखना था। इसको हिन्दू मुस्लिम रंग नहीं देना था।''
दरअसल, मोदी ने 23 अगस्त को हर साल ‘‘भारत नेशनल स्पेस डे’’ मनाने के साथ दो और ऐलान किए। उन्होंने कहा कि चांद पर लैंडर विक्रम के उतरने वाली जगह को अब शिव-शक्ति प्वॉइंट के तौर पर जाना जाएगा, जबकि चांद पर चंद्रयान-2 के पद चिन्हों वाले प्वॉइंट का नाम 'तिरंगा' रखा गया है। विपक्ष ने इसी को मुद्दा बनाते हुए मोदी-बीजेपी को इस पर घेरने की कोशिश की।
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