इस शख्स ने 2019 में चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के मलबे का लगाया था पता, महान कलाम को किया याद

शनमुगा ने कलाम का जिक्र करते हुए लिखा, हमें कलाम को याद रखना चाहिए जिनके सुझाव पर इसरो ने चंद्रयान1 पर चंद्रमा प्रभाव जांच (MIP) को शामिल किया था।

शनमुगा ने किया कलमा को याद

Chandrayaan 3: 2019 में विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के एक महीने बाद चेन्नई के इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ने मलबे का पता लगाने में मदद की जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गए। नासा ने चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर को खोजने का श्रेय उन्हें दिया। चार साल बाद जब दुनिया विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का बेसब्री से इंतजार कर रही है। ऐसे में शनमुगा भी इतिहास बनते देखने के लिए उत्साहित हैं।

शनमुगम ने किया कलाम को याद

मंगलवार को उन्होंने ट्विटर पर चंद्रयान में अब्दुल कलाम के योगदान को याद करते हुए लिखा, "मुझे पता है कि कल भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन हो सकता है, लेकिन हमें कलाम को याद रखना चाहिए जिनके सुझाव पर इसरो ने चंद्रयान1 पर चंद्रमा प्रभाव जांच (MIP) को शामिल किया था, जिसका असर दक्षिण ध्रुव के करीब हुआ था। चंद्रयान 3 लैंडिंग हमारे इसरो के प्रयासों की निरंतरता होगी जो 2008 में शुरू हुई थी। रिटायर होने के बाद भी वह चंद्रयान1 अभियान में निकटता से शामिल थे, यह दर्शाता है कि भारत द्वारा अंतरिक्ष की खोज में उनकी कितनी गहरी रुचि थी। एमआईपी पर चेस (CHACE) पेलोड ने पता लगाया कि ध्रुवीय क्षेत्रों के पास पानी गैसीय रूप में है!"

ऐसे लगाया था मलबे का पता

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में चेन्नई के तकनीकी विशेषज्ञ ने कहा कि उन्होंने पूरी लैंडिंग प्रक्रिया को देखने के लिए छुट्टी ली थी। शनमुगा सुब्रमण्यन ने कहा, मैंने आसपास के सभी गड्ढों और पहाड़ों के साथ लैंडिंग साइट के डिजिटल उन्नयन मॉडल तैयार किए हैं। मैंने सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी और तस्वीरों से प्रस्तावित लैंडिंग साइट की छवियों को पहले ही संसाधित और प्रकाशित कर दिया है। 2019 में जब उन्होंने उपग्रह चित्रों से विक्रम का मलबा देखा, तो उनके पास कोई उपकरण नहीं था, बल्कि उनका लैपटॉप था, जिससे उन्होंने चंद्र सतह की पुरानी और नई छवियों की पिक्सेल दर पिक्सेल तुलना की थी। अथक परिश्रम के बाद उन्होंने विक्रम के मलबे का पता लगा लिया था।

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