Chandrayaan-3 Launch Update: 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा चंद्रयान-3, जानिए क्या है मिशन का उद्देश्य

Chandrayaan-3 Launch Update: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने घोषणा की कि लॉन्च विंडो 19 जुलाई तक खुली रहेगी और यदि लॉन्च निर्धारित तिथि पर नहीं होता है तो इसे 19 तारीख तक बैक अप डेट पर ले जाया जा सकता है।

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14 जुलाई को लॉन्च होगा चंद्रयान-3 (फोटो- ISRO)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल
Chandrayaan-3 Launch Update: भारत का चंद्रयान-3 मिशन इसी महीने लॉन्स होगा। इसरो ने इसके लॉन्चिंग की तारीख की घोषणा कर दी है। इसरो के अनुसार 14 जुलाई को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च किया जाएगा। इससे जुड़ी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

इसरो ने क्या कहा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की है कि चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को चंद्रमा पर लॉन्च होगा। अंतरिक्ष यान श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 बजे उड़ान भरेगा, इसरो ने रॉकेट में बंद अंतरिक्ष यान को लॉन्चपैड पर ले जाने के बाद यह घोषणा की।

इसरो को कामयाबी की उम्मीद

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने घोषणा की कि लॉन्च विंडो 19 जुलाई तक खुली रहेगी और यदि लॉन्च निर्धारित तिथि पर नहीं होता है तो इसे 19 तारीख तक बैक अप डेट पर ले जाया जा सकता है। सोमनाथ ने भरोसा जताया है कि इस बार मिशन चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के तहत इसरो 23 अगस्त या 24 अगस्त को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा।

इस बार का मिशन

चंद्रयान-3 मिशन चंद्र रेजोलिथ के थर्मोफिजिकल गुणों, चंद्र भूकंपीयता, चंद्र सतह प्लाज्मा वातावरण और लैंडर के उतरने के स्थल के आसपास के क्षेत्र में मौलिक संरचना का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक उपकरण ले जाएगा। इसरो के अधिकारियों के अनुसार, लैंडर और रोवर पर इन वैज्ञानिक उपकरणों का दायरा जहां "चंद्रमा के विज्ञान" थीम में फिट होगा, वहीं एक अन्य प्रायोगिक उपकरण चंद्र कक्षा से पृथ्वी के स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्रिक सिग्नेचर का अध्ययन करेगा, जो "चंद्रमा से विज्ञान" थीम में फिट होगा।

परीक्षणों पर खरा उतरा है यान

इस साल मार्च में, चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने आवश्यक परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया था जिससे प्रक्षेपण के दौरान आने वाले कठोर कंपन और ध्वनिक वातावरण का सामना करने की अंतरिक्ष यान की क्षमता की पुष्टि हुई। ये परीक्षण इस तथ्य के मद्देनजर विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण थे कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान, जिसे एलवीएम-3 (प्रक्षेपण यान मार्क-3) (पहले जीएसएलवी एमके-3 के रूप में जाना जाता था) द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यह तीन मॉड्यूल- प्रणोदन, लैंडर और रोवर का एक संयोजन है।

उपकरणों की खासियत

प्रणोदन मॉड्यूल में चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय माप का अध्ययन करने के लिए ‘स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्रिक ऑफ हैबिटेबल प्नैनेट अर्थ’ (एसएचएपीई) नामक उपकरण है और यह लैंडर तथा रोवर को चंद्र कक्षा के 100 किलोमीटर तक ले जाएगा। चंद्र लैंडर से संबंधित उपकरणों में तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए 'चंद्र सर्फेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट'; लैंडर के उतरने के स्थल के आसपास भूकंपीयता को मापने के वास्ते 'इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सिस्मिसिटी एक्टिविटी और प्लाज्मा घनत्व एवं इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए 'लैंगमुइर प्रोब' नामक उपकरण हैं।
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