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Chandrayaan-3 Launch: इतिहास रचने रवाना हुआ चंद्रयान-3, सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से हुआ लॉन्च

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Chandrayaan-3 Launch LIVE: इतिहास रचने के लिए तैयार भारत, 14 जुलाई को प्रक्षेपण

चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे आज दो बजकर 35 मिनट पर रवाना किया गया। देश और दुनिया की निगाहें इस समय भारत के इस मिशन पर लगी हैं। यह मिशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को आप ISRO की वेबसाइट के साथ साथ TIMESNOW नवभारत के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी देख सकते हैं। भारत का यह मिशन यदि सफल हो जाता है तो यह अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश हो जाएगा। चंद्रयान-3 करीब 40 दिनों के बाद चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा और फिर उसका चक्कर लगाएगा। चंद्रयान-3 में लैंडर जिसका नाम विक्रम है। यह चांद की सतह पर लैंड करेगा। फिर इसमें मौजूद रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह की जांच करेगा।

Chandrayaan-3 Launch Live Streaming: Watch Here | Chandrayaan-3 Launch Live

Dec 2, 2024 | 06:40 AM IST

हमने पहले की गलती में सुधार किया-ISRO चीफ

ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो। फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती है जो हमने समीक्षा और टेस्ट द्वारा पता लगाया। तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की। मैं इस कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं।
Dec 2, 2024 | 06:36 AM IST

इसरो चीफ ने क्या कहा

वहीं इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अंतरिक्ष यान बिलकुछ ठीक है। उन्होंने कहा कि एलवीएम-3एम4 रॉकेट ने चंद्रयान-3 को सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है।
Dec 2, 2024 | 06:42 AM IST

चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी का ट्वीट

चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी है। अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने अतंरिक्ष कार्यक्रम में भारत ने एक अध्याय लिखा है। यह ऊंचाई को छू रहा है और प्रत्येक भारतवासी के सपनों एवं आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है। यह यादगार उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम एवं समर्पण का प्रयास है।
Dec 2, 2024 | 06:31 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 लॉन्च

चांद की ओर चंद्रयान- 3 रवाना हो चुका है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया। चंद्रयान-3 के 23 या 24 अगस्त को चांद की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है।
Dec 2, 2024 | 06:38 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: 2.35 पर चंद्रयान का होना है प्रक्षेपण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चार साल बाद एक बार फिर से शुक्रवार को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के लिए तैयार है और पूरे देश की नजरें उस पर टिकी हैं।इसरो का चांद पर यान को ‘‘सॉफ्ट लैंडिंग’’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं।देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 'फैट बॉय' एलवीएम-एम4 रॉकेट ले जाएगा। आज दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से इसे प्रक्षेपित किया जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो यह अगस्त के आखिर में चंद्रमा पर उतरेगा।
Dec 2, 2024 | 06:36 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: अब चंद पल का इंतजार

चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण में अब चंद पल का इंतजार है। एलवीएम3एम4 रॉकेट शुक्रवार को इसरो के महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान-3’ को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा की यात्रा पर ले जाएगा। इस रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था। भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे 'फैट बॉय' भी कहते हैं। आज दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से इसे प्रक्षेपित किया जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो यह अगस्त के आखिर में चंद्रमा पर उतरेगा।बृहस्पतिवार को दोपहर एक बजकर पांच मिनट पर इसकी 25.30 घंटे की उलटी गिनती शुरू की गई थी।
Dec 2, 2024 | 06:31 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: प्रक्षेपण का समय आ रहा है करीब

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण का समय करीब आ रहा है.. जिसे दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा।यह ‘चंद्र मिशन’ वर्ष 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। ‘चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था। यदि इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।इसरो ने शुक्रवार को मिशन संबंधी अद्यतन जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ एलवीएम3एम4-चंद्रयान-3 मिशन: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में उलटी गिनती जारी है।’’अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, ‘चंद्रयान-3’ कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्र भूभाग पर रोवर की चहलकदमी का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है।
Dec 2, 2024 | 06:38 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: भुवनेश्वर के सीटीसी को बेसब्री से इंतजार

पूरी दुनिया शुक्रवार को भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का बेसब्री से इंतजार कर रही है, वहीं भुवनेश्वर के ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’(सीटीटीसी) के तकनीशियन और छात्र इस यान को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करता देखने के लिए उत्सुक हैं।सीटीटीसी भुवनेश्वर ने इस अभियान के लिए अहम घटकों की आपूर्ति की है।संस्थान के महाप्रबंधक एल राजशेखर ने कहा, “हम व्याकुल हैं और परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे छात्र जैसा महसूस कर रहे हैं। हम अत्यधिक आशावादी हैं कि इस बार भारत इतिहास रचेगा। देशभर में कुल 23 सीटीटीसी हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कार्यों को बेहद सटीकता और निर्धारित मानकों के अनुरूप पूरा करने के भुवनेश्वर केंद्र के रिकॉर्ड को देखते हुए उसे इस मिशन के लिए चुना। राजशेखर कहते हैं कि तकनीशियनों के समर्पित प्रयासों के बलबूते सीटीटीसी भुवनेश्वर को मिशन का हिस्सा बनने का दुर्लभ मौका मिल सका।
Dec 2, 2024 | 06:40 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: 43.5 मीटर लंबे रॉकेट के जरिए प्रक्षेपण

चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल हैं, जिसका उद्देशय अन्तरग्रहीय मिशनों के लिए जरूरी नई प्रौद्योगिकियों का विकास एवं उनका प्रदर्शन करना है।मिशन के तहत 43.5 मीटर लंबा रॉकेट दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाना है।सबसे लंबे और भारी एलवीएम3 रॉकेट (पूर्व में जीएसएलवी एमके3 कहलाने वाले) की भारी भरकम सामान ले जाने की क्षमता की वजह से इसरो के वैज्ञानिक उसे प्यार से 'फैट बॉय' भी कहते हैं। इस ‘फैट बॉय’ ने लगातार छह सफल अभियानों को पूरा किया है।एलवीएम3 रॉकेट तीन मॉड्यूल का समन्वय है, जिसमें प्रणोदन, लैंडर और रोवर शामिल हैं। रोवर लैंडर के भीतर रखा है।
Dec 2, 2024 | 06:41 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: 14 जुलाई को चंद्रयान-3 का होगा प्रक्षेपण

14 जुलाई 2023 : चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरेगा।23/24 अगस्त 2023 : इसरो के वैज्ञानिकों ने 23-24 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनायी है जिससे भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा।
Dec 2, 2024 | 06:41 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: 2019 में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण

22 जुलाई 2019 : श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया गया।20 अगस्त 2019 : चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया।दो सितंबर 2019 : चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते वक्त लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो गया था लेकिन चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया।
Dec 2, 2024 | 06:35 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: 2003 में हुई थी चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा

15 अगस्त 2003 : तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की।22 अक्टूबर 2008 : चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी।आठ नवंबर 2008 : चंद्रयान-1 ने प्रक्षेपवक्र पर स्थापित होने के लिए चंद्र स्थानांतरण परिपथ (लुनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री) में प्रवेश किया।14 नवंबर 2008 : चंद्रयान-1 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की।28 अगस्त 2009 : इसरो के अनुसार चंद्रयान-1 कार्यक्रम की समाप्ति हुई।
Dec 2, 2024 | 06:40 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: 'भारत के इतिहास में 14 जुलाई होगा खास दिन'

चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले पेरिस से पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 14 जुलाई 2023 की तारीख हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगी। बता दें कि दोपहर 2.35 बजे सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को लांच किया जाना है।
Dec 2, 2024 | 06:35 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE Updates: सपनों को आगे बढ़ाएगा चंद्रयान-3 मिशन, पीएम मोदी ने दी शुभकामना

चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएँ! मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार में हमने जो प्रगति की है, उसके बारे में और अधिक जानने का आग्रह करता हूं। यह आप सभी को बहुत गौरवान्वित करेगा। चंद्रयान 2 के प्रमुख वैज्ञानिक परिणामों में चंद्र सोडियम के लिए पहला वैश्विक मानचित्र, क्रेटर आकार वितरण पर ज्ञान बढ़ाना, आईआईआरएस उपकरण के साथ चंद्र सतह के पानी की बर्फ का स्पष्ट पता लगाना और बहुत कुछ शामिल है। यह मिशन लगभग 50 प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ है।
Dec 2, 2024 | 06:42 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: राष्ट्र के सपनों को आगे बढ़ाएगा चंद्रयान मिशन

चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए खास बात कही। जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।
Dec 2, 2024 | 06:33 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: सॉफ्ट लैंडिंग का दावा

इसरो के निदेशक सोमनाथ का कहना है कि कुछ तत्वों के विफल होने पर भी चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सेंसर विफलता, इंजन विफलता, एल्गोरिदम विफलता और गणना विफलता सहित कई परिदृश्यों की जांच की गई और उनका मुकाबला करने के लिए उपाय विकसित किए गए है।
Dec 2, 2024 | 06:35 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: चंद्रयान मिशन का तमिलनाडु से है खास रिश्ता

2008 में पहले चंद्र मिशन के साथ शुरू हुई चंद्रयान श्रृंखला के बारे में एक अनोखी समानता उसका तमिलनाडु से संबंध है। तमिलनाडु में जन्मे मयिलसामी अन्नादुरई और एम. वनिता के चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 का नेतृत्व करने के बाद, अब विल्लुपुरम के मूल निवासी पी. वीरमुथुवेल तीसरे मिशन की निगरानी कर रहे हैं, जिसे शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 के जरिये चंद्रमा की ओर रवाना किया जाएगा। एस. सोमनाथ की अध्यक्षता में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मकसद उन विशिष्ट देशों की सूची में शामिल होना है, जिन्होंने चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में महारत हासिल कर ली है।शुक्रवार को रवाना होने वाला ‘चंद्र मिशन’ वर्ष 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराना है।वीरमुथुवेल वर्तमान में सोमनाथ के नेतृत्व में चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक हैं।तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के एक परिवार से नाता रखने वाले वाले, वीरमुथुवेल प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मद्रास) के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने पीएचडी भी कर रखी है।चंद्र मिशन के परियोजना निदेशक के रूप में वीरमुथुवेल ने वनिता का स्थान लिया है, जो तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवन के नेतृत्व में चलाए गए चंद्रयान -2 मिशन की परियोजना निदेशक थीं। वनिता इसरो के इतिहास में इस पद काबिज हुई पहली महिला थीं।पहले चंद्रयान मिशन का नेतृत्व करने के बाद मयिलसामी अन्नादुरई को ‘मून मैन ऑफ इंडिया’की पदवी दी गई। वह भी तमिलनाडु से नाता रखते थे।दिलचस्प तथ्य यह है कि पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्होंने भारत के रॉकेट कार्यक्रम का नेतृत्व किया, वह भी तमिलनाडु के रामेश्वरम से थे।
Dec 2, 2024 | 06:33 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE Updates: गेमचेंजर होगा चंद्रयान-3

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन, जिन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र के नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ने कहा कि चंद्रयान -3 मिशन भारत के लिए "गेम चेंजर" होने जा रहा है।चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने का भारत का प्रयास है, इस प्रक्रिया में चंद्रयान-2 को खोने के चार साल बाद। इसरो आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के स्पेसपोर्ट से चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च करेगा।
Dec 2, 2024 | 06:33 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE Updates: चंद्रयान-3 के लॉन्चपैड से पुस्तक का विमोचन

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता विनोद मनकारा की नयी किताब का यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के ‘रॉकेट लॉन्चपैड’ से विमोचन किया गया। विज्ञान से संबंधित लेखों का संग्रह ‘प्रिज्म : द एन्सेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो’ का बृहस्पतिवार शाम को एसडीएससी-एसएचएआर में उस समय अनोखा विमोचन किया गया, जब भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण की तैयारियां जोर-शोर से हो रही है।
Dec 2, 2024 | 06:40 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: लॉन्चपैड से बुक रिलीज का बना इतिहास

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता-लेखक विनोद मनकारा की नई किताब यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में रॉकेट लॉन्चपैड से जारी की गई।विज्ञान लेखों के संग्रह 'प्रिज्म: द एनसेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो' का अनोखा लॉन्च गुरुवार शाम एसडीएससी-शार में आयोजित किया गया। बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन चंद्रयान -3 के लिए वहां तैयारियां जोरों पर चल रही थीं। .इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पुस्तक को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर को सौंपकर जारी किया जबकि अंतरिक्ष केंद्र में ऐतिहासिक प्रक्षेपण की उलटी गिनती चल रही थी।
Dec 2, 2024 | 06:38 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE Updates: तैयारी पर बारीक नजर

LVM3 M4/चंद्रयान-3 मिशन के लिए SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा में उल्टी गिनती जारी है।एल110 चरण में प्रणोदक भरने का काम पूरा हो गया है।C25 चरण में प्रणोदक भरना शुरू हो रहा है।
Dec 2, 2024 | 06:33 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: 26 घंटे पहले काउंटडाउन की शुरुआत

चंद्रयान-3 मिशन की उल्टी गिनती गुरुवार को शुरू हो गई। 26 घंटे की उलटी गिनती दोपहर 1:05 बजे शुरू हुई। इसरो ने मंगलवार को देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लिए 24 घंटे तक चलने वाली लॉन्च रिहर्सल भी पूरी कर ली। इसरो ने एक ट्वीट में कहा, "पूरी लॉन्च तैयारी और 24 घंटे तक चलने वाली प्रक्रिया का अनुकरण करने वाला 'लॉन्च रिहर्सल' संपन्न हो गया है।"
Dec 2, 2024 | 06:34 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: मिशन चंद्रयान-3 में नारी शक्ति का जलवा

इसरो ही नहीं देश और दुनिया को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का इंतजार है। इस मिशन की कामयाबी के दो अहम पड़ाव हैं पहला बिना किसी बाधा के प्रक्षेपण और दूसरा चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग। 2019 में मिशन चंद्रयान चांद की सतह पर तो पहुंचा लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो सकी और मिशन नाकाम हो गया। लेकिन चार साल बाद इसरो एक बार फिर सभी खामियों को दूर कर मिशन चंद्रयान के लिए तैयार है। इस पूरी तैयारी के पीछे जहां एक तरफ पुरुष शक्ति है तो महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। करीब 54 महिलाएं इंजीनियर और टेक्निशयन के तौर पर इस मिशन में अपनी भागीदारी दे रही हैं। चंद्रयान-2 की तरह ही इस मिशन में भी सॉफ्ट लैंडिंग की चुनौती है। हालांकि दोनों मिशन में लैंडर स्पेशिफिकेशन, पेलोड प्रयोग में काफी भिन्नताएं हैं।
Dec 2, 2024 | 06:42 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE Updates: सुदर्शन पटनायक ने ऐसे दी शुभकामना

विश्व प्रसिद्ध उड़िया रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को उसके नवीनतम अंतरिक्ष मिशन - इसके तीसरे चंद्रमा लैंडर, चंद्रयान -3, जो बाद में श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के लिए तैयार है, की सफलता की कामना करने के लिए अपनी नवीनतम कलाकृति के साथ सामने आए हैं। पटनायक ने गुरुवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर "विजयी भव" (विजयी बनें) के संदेश के साथ 500 स्टील के कटोरे और व्यंजन स्थापित करके चंद्रयान 3 की 22 फीट लंबी रेत कला बनाई।चंद्रयान-3, भारत का तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन, जो चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा, की उल्टी गिनती गुरुवार को निर्धारित उड़ान से पहले 14:35:17 IST पर शुरू हो गई। शुक्रवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष यान को जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन पर लॉन्च किया जाएगा।यह इसरो के लिए एक तरह से मुक्ति का मौका होगा, क्योंकि 2019 में इसका पिछला चंद्रयान-2 मिशन अपने सॉफ्ट लैंडिंग प्रयास के दौरान अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करने के बाद विफल हो गया था। संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और प्रक्रिया का अनुकरण करने वाला 'लॉन्च रिहर्सल' इसरो द्वारा पूरा कर लिया गया है
Dec 2, 2024 | 06:39 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE: डॉ रितु करिधल हैं मिशन डायरेक्टर

चंद्रयान 3 का प्रक्षेपण आज श्रीहरिकोटा स्पेस से होगा। इस मिशन की कमान डॉ रितु करिधल के हाथों में हैं। लखनऊ की रहने वाली रितु करिधल इसरो में सेवा दे रही हैं।
Dec 2, 2024 | 06:37 AM IST

Chandrayaan-3 Launch LIVE Updates: अगस्त में चांद पर उतरेगा चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक पहुंचने में करीब एक महीने का समय लगेगा। चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर वह उसका चक्कर लगाना शुरू करेगा। फिर एक निर्धारित तिथि और समय पर चंद्रमा की सतह पर उसकी सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। इस बार लैंडर विक्रम में कई बदलाव किए गए हैं। लैंडर विक्रम के पहियों को ज्यादा मजबूत बनाया गया है। साथ ही रोवर प्रज्ञान में इस बार एक से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं।
Dec 2, 2024 | 06:40 AM IST

चंद्रयान में तीन मॉड्यूल

मुख्य चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में तीन मॉड्यूल हैं- लैंडर मॉड्यूल, एक प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर मॉड्यूल। प्रणोदन मॉड्यूल अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के चारों ओर एक इंजेक्शन कक्षा से 100 किलोमीटर की चंद्र कक्षा तक ले जाएगा। जबकि यह इसका प्राथमिक कार्य है, प्रणोदन मॉड्यूल एक पेलोड भी ले जाएगा जो चंद्र कक्षा से पृथ्वी का वर्णक्रमीय और ध्रुवीय माप लेगा।
Dec 2, 2024 | 06:34 AM IST

चांद पर लैंडिंग के लिए करनी पड़ी थी मशक्कत

1960 के दशक में स्पेस रेस में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ ने एक के बाद एक अंतरिक्ष यान हादसे का शिकार हुए जब तक एक अंतरिक्ष यान को उतारने में कामयाबी नहीं मिली। चीन एकमात्र अन्य देश है जिसने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग पूरी की और उसने 2013 में चांग-5 मिशन के साथ अपने पहले प्रयास में ऐसा किया।
Dec 2, 2024 | 06:42 AM IST

2019 की चुनौती को मात देने की कोशिश

2019 के चार साल बाद भारत मुक्ति की ओर देख रहा है, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा पर एक मेगा मिशन चला रहा है। चंद्रयान-3 चुनौती के लिए तैयार है। इसरो शुक्रवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के स्पेसपोर्ट से चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च करेगा। लॉन्च व्हीकल मार्क-III (LVM3) की फेयरिंग में बंद अंतरिक्ष यान को एक प्रक्षेप पथ पर रखा जाएगा जो इसे चंद्र कक्षा में ले जाएगा।
Dec 2, 2024 | 06:39 AM IST

दोपहर 2.35 पर चंद्रयान-3 का होगा प्रक्षेपण

करीब आठ घंटे बाद श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 को लांच किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और गुरुवार से ही काउंटडाउन की शुरुआत हो चुकी थी। इस खास मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पेरिस में कहा कि हम कुछ घंटों के बाद इतिहास रचने जा रहे हैं। स्पेस साइंस के क्षेत्र में भारत ने शानदार तरक्की की है।
Dec 2, 2024 | 06:37 AM IST

फेल हो गया था चंद्रयान-2, टूटी थीं इंडिया की उम्मीदें

‘चंद्रयान-2’ मिशन चंद्रमा की सतह पर वांछित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में विफल रहा, जिससे इसरो टीम को काफी दुख हुआ। उस समय वैज्ञानिक उपलब्धि को देखने के लिए इसरो मुख्यालय में मौजूद रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवन को सांत्वना देते देखा गया जो भावुक हो गए थे और वे तस्वीरें आज भी लोगों की यादों में ताजा हैं। ‘चंद्रयान-2’ मिशन का उद्देश्य स्थलाकृति, भूकंप विवरण, खनिज पहचान, सतह की रासायनिक संरचना और ऊपरी मिट्टी की तापीय-भौतिक विशेषताओं के विस्तृत अध्ययन के माध्यम से चंद्र वैज्ञानिक ज्ञान का विस्तार करना था, जिससे चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास की नयी समझ पैदा हो सके।
Dec 2, 2024 | 06:32 AM IST

महाबली रॉकेट से लॉन्च होगा चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 मिशन जिस रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा, वह महाबली से कम नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका वजन 130 हाथियों (एशियाई) के बराबर बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि उसकी ऊंचाई आधे कुतुब मीनार के आसपास रहेगी।
Dec 2, 2024 | 06:32 AM IST

‘चंद्रयान-3' वैश्विक क्षेत्र में भारत की लंबी छलांग का सूत्रपात करेगा: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम ‘चंद्रयान-3’ वैश्विक क्षेत्र में देश की लंबी छलांग का सूत्रपात करने जा रहा है। अंतरिक्ष विभाग के प्रभारी मंत्री ने 11वें ‘इंडिया एलायंस एनुअल कॉन्क्लेव 2023’ से इतर संवाददाताओं से कहा कि भारत में उत्पादित कोविड रोधी टीके की सफलता की कहानी के बाद देश एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी बन गया है। ‘इंडिया एलायंस’ स्वास्थ्य और जैव चिकित्सा विज्ञान में अनुसंधान करने के लिए भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित एक सार्वजनिक परमार्थ संगठन है।
Dec 2, 2024 | 06:36 AM IST

तीसरे मिशन का क्या है बड़ा लक्ष्य? जानिए

शुक्रवार को चंद्र यात्रा पर रवाना होने वाला तीसरा मिशन पूर्ववर्ती ‘चंद्रयान-2’ का अनुवर्ती मिशन है जिसका लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में महारत हासिल करना है। चंद्रमा की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
Dec 2, 2024 | 06:31 AM IST

क्या था चंद्रयान-2 का असल मकसद?

‘चंद्रयान-2’ मिशन का उद्देश्य स्थलाकृति, भूकंप विवरण, खनिज पहचान, सतह की रासायनिक संरचना और ऊपरी मिट्टी की तापीय-भौतिक विशेषताओं के विस्तृत अध्ययन के माध्यम से चंद्र वैज्ञानिक ज्ञान का विस्तार करना था, जिससे चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास की नयी समझ पैदा हो सके।
Dec 2, 2024 | 06:35 AM IST

रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल अपने स्वयं के वैज्ञानिक पेलोड ले जाएंगे

बताया जा रहा है कि Propulsion Module अलग होने के बाद, चंद्रमा के चारों ओर कक्षा में रहेगा और काम्यूनिकेशन रिले सेटेलाइट के रूप में कार्य करेगा, लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल अपने स्वयं के वैज्ञानिक पेलोड ले जाएंगे नासा के अनुसार, प्रोपल्शन मॉड्यूल एक बॉक्स जैसी संरचना है और इसे एक तरफ एक बड़े सोलर पैनल और टॉप पर एक बड़े सिलेंडर के साथ लगाया जाएगा सिलेंडर, जिसे इंटरमॉड्यूल एडाप्टर कोन कहा जाता है, लैंडर के लिए माउंटिंग स्ट्रक्चर के रूप में कार्य करेगा, प्रोपल्शन मॉड्यूल के निचले भाग में, मुख्य थ्रस्टर नोजल स्थित है।
Dec 2, 2024 | 06:32 AM IST

चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्र सतह का इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करना

चंद्रयान -3 लैंडर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह चंद्रमा में एक निर्दिष्ट स्थान पर धीरे से उतर सकता है और रोवर को तैनात कर सकता है, जिसका उद्देश्य चंद्र सतह का इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करना है, चंद्रयान -3 का उद्देश्य, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग और घूमने की क्षमताओं का प्रदर्शन करने के अलावा, इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना और अंतरग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई टेक्नोलॉजी का विकास और प्रदर्शन करना है।
Dec 2, 2024 | 06:43 AM IST

चंद्रयान-3 का लॉन्च 14 जुलाई की दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने भारत के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 एम4 द्वारा चंद्रयान-3 को चांद की ओर भेजने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। चंद्रयान-3 का लॉन्च श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई की दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर होगा। इसरो इस समय लॉन्च की रिहर्सल कर रहा है और इन्हें विश्वास है कि चंद्रयान-3 मिशन सफल होगा गौर हो कि इस मिशन को लेकर हर भारतीय की भावनाएं जुड़ी हुई हैं
Dec 2, 2024 | 06:38 AM IST

चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण के लिए 25.30 घंटे की उलटी गिनती शुरू

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण के लिए 25.30 घंटे की उलटी गिनती बृहस्पतिवार को यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र में शुरू हो गई। शुक्रवार को रवाना होने वाला ‘चंद्र मिशन’ वर्ष 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। ‘चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था। अगर इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
Dec 2, 2024 | 06:41 AM IST

चंद्रयान-3 मिशन हर तरह से सफल होना चाहिए: इसरो के पूर्व अध्यक्ष माधवन नायर

वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधवन नायर ने बृहस्पतिवार को कहा कि चंद्रमा तक पहुंचने के चंद्रयान-3 मिशन को सभी पहलुओं पर सफल होना चाहिए ताकि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक अहम पड़ाव पार कर सके। उन्होंने चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ को बेहद मुश्किल और जटिल करार दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि यह अभियान इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने करीब चार साल पहले चंद्रयान-2 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के दौरान आई समस्याओं से सबक लेते हुए वर्तमान अभियान में कई उपाय किए हैं और प्रणालियों को मजबूत किया है। वर्ष 2003 से इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में सचिव के रूप में छह साल के कार्यकाल के तहत 25 सफल अभियानों को पूरा करने वाले नायर ने कहा, ‘‘इस क्षण मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह मिशन सभी तरह से सफल होना चाहिए ताकि हम अंतरिक्ष अन्वेषण में एक प्रमुख मील का पत्थर पार कर सकें।’’ इसरो की 23 अथवा 24 अगस्त को यान की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ की योजना के बारे में पूछे जाने पर नायर ने कहा कि ‘यह बहुत कठिन तथा जटिल प्रक्रिया है और हम इसे पहली बार अज्ञात क्षेत्र में करने जा रहे हैं। काफी बेसब्री है। हमें धर्य रखकर इसे देखना चाहिए’।

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