Chenab Rail Bridge: भारत ने दुनिया को दिया आठवां अजूबा, जब एफिल टॉवर से भी ऊंचे पुल पर दौड़ी ट्रेन, जानें चिनाब ब्रिज की ABCD

Chenab Rail Bridge: दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज पर ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो गया है और जल्द ही यहां ट्रेन चलती नजर आएगी। रेल मंत्री ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि "पहली ट्रायल ट्रेन संगलदान से रियासी तक सफलतापूर्वक चली है, इसमें चिनाब ब्रिज को पार करना भी शामिल है।

Chenab Rail Bridge trial run

दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रायल रन शु

Chenab Rail Bridge: यूं तो दुनिया में सात अजूबे हैं, और आठवें की तलाश जारी है। इस बीच भारत ने कुछ ऐसा कर दिया है कि दुनिया की खोज यहां आकर खत्म हो जाएगी। हम बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज की, जो एफिल टॉवर से भी करीब 35 मीटर ऊंचा है। यह ब्रिज हवा का रुख मोड़ने की भी क्षमता रखता है। रविवार को दुनिया के इस सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रायल रन शुरू कर दिया गया। इसका वीडियो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शेयर किया है। इस वीडियो में वादियों के बीच बने पुल पर एक इंजन को चलते हुए देखा जा सकता है।
इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज पर ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो गया है और जल्द ही यहां ट्रेन चलती नजर आएगी। रेल मंत्री ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि "पहली ट्रायल ट्रेन संगलदान से रियासी तक सफलतापूर्वक चली है, इसमें चिनाब ब्रिज को पार करना भी शामिल है। यूएसबीआरएल के लिए सभी निर्माण कार्य लगभग समाप्त हो चुके हैं, केवल सुरंग संख्या एक आंशिक रूप से अधूरी है।" रिपोर्टस की मानें तो संगलदान से रियासी के बीच पहली ट्रेन को 30 जून को हरी झंडी दिखाई जा सकती है।

साढ़े तीन घंटे कम हो जाएगा सफर

फिलहाल कश्मीर घाटी में बारामूला जिले से जम्मू के रामबन जिले के बनिहाल तक ही रेलवे सेवा है। चिनाब रेलवे ब्रिज घाटी को सीधे जम्मू के कटरा से जोड़ेगा। इससे कटरा से श्रीनगर तक का सफर पांच से छह घंटे कम में हो जाएगा। इसके साथ ही बर्फबारी, भूस्खलन और हिमस्खलन में भी यह रेल मार्ग बाधित नहीं होगा।

30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग

चिनाब रेल पुल के निर्माण में कुल 30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि यह 260 किमी प्रति घंटे तक की हवा की रफ्तार को भी झेल सकता है, इसके अलावा यह भूकंप रोधी भी है। इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है, जिसके निर्माण में करीब 1486 करोड़ की लागत आई है।

चिनाब रेल ब्रिज की खासियत

  • चिनाब ब्रिज 14,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह 35,000 करोड़ रुपये के उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
  • यह जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है, जो कटरा और बनिहाल के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
  • पुल की ऊंचाई चिनाब नदी के तल से 1178 फीट है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है।
  • इस पुल के अगले 120 साल तक बने रहने की उम्मीद है।
  • उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना चालू हो जाने पर इस पुल के ऊपर से जम्मू और श्रीनगर के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलेगी।
  • इस प्रोजेक्ट को 2003 में हरी झंडी दिखाई गई और 2004 में काम शुरू हुआ।
  • 2009 में काम को तेज हवाओं की वजह से कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
  • 2017 में इसका आधार वाला हिस्सा बनकर तैयार हुआ।
  • 2021 अप्रैल में मेन ऑर्क पर काम शुरू हुआ।
  • अगस्त 2022 में स्टील और कंक्रीट से बने मेन ऑर्क के काम को पूरा किया गया।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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