Mirror Now Summit: श्रम का सम्मान होना चाहिए; खास बातचीत में बोले छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल

Mirror Now Summit Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित मिरर नाऊ समिट के मंच पर सीएम भूपेश बघेल ने टाइम्स नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर निकुंज गर्ग से खास बातचीत की। उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए और ये कहा कि श्रम का सम्मान होना चाहिए। साथ ही सीएम बघेल मे अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई।

टाइम्स नेटवर्क से खास बातचीत में क्या बोले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल?

Chhattisgrah News: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस सरकार में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने 5 सालों के कार्यकाल की उपलब्धियां गिना रहे हैं, तो वहीं भाजपा अपनी वापसी के लिए कोशिश कर रही है। इस बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित मिरर नाऊ समिट के मंच पर सीएम भूपेश बघेल ने टाइम्स नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर निकुंज गर्ग से खास बातचीत की। उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए और ये कहा कि श्रम का सम्मान होना चाहिए।

एग्रीकल्चर सेक्टर पर फोकस करने की क्या है वजह?

सीएम भूपेश बघेल से समिट में जब ये पूछा गया कि 'जबसे छत्तीसगढ़ में आपकी सरकार बनी है, क्या ऐसा मुख्य कारण है कि आपने एग्रीकल्चर सेक्टर पर खास ध्यान दिया है?' इसके जवाब में उन्होंने बताया कि 'देश की आधी से अधिक जनसंख्या खेती पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ में तो 75 से 80 फीसदी लोग कृषि पर आधारित हैं। यदि उनकी अर्थव्यवस्था नहीं सुधारी जाएगी तो प्रदेश में बदलाव नहीं आ सकता, इसलिए फोकस कृषि पर रहा। किसानों को उद्पादन का सही मूल्य मिलना चाहिए। श्रम का सम्मान होना चाहिए।'

केंद्र से धान की खरिदारी को लेकर क्या रहता है विवाद?

धान की खरीदारी को लेकर सीएम से चैनल के इस सवाल 'पैडी की खरिदारी को लेकर केंद्र से अक्सर विवाद रहता है। धान की एमएसपी को लेकर भी काफी विवाद रहता है। असल में इसकी असल वजह क्या है?' के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ में दोनों ही पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) को सत्ता में रहने का अवसर मिला। डबल इंजन की सरकार भी थी। वर्ष 2013 तक जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी, तो धान की खरीदी की तादाद बढ़ती गई। मगर जैसे ही डबल इंजन की सरकार आई तो बोनस भी मिलना बंद हो गया, धान की खरीदी का आंकड़ा भी साल 2013 से 2018 के बीच कम हो गया। सवाल ये उठता है कि बोनस देने के लिए रमन सिंह ने वादा किया था। तो मेरा सवाल ये है कि क्या मोदी जी ने यहां पर बोनस देने के लिए मना किया था?'

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