लद्दाख के साथ समुद्र में तेज हुई चीन की हरकत, क्या है ड्रैगन की दोहरी चाल?
चीन एक तरफ भारत से शांति और सौहार्द की बात करता है। लेकिन जमीन पर काम वादे के ठीक उलट करता है। इस तरह की खबर है कि चीन की तरफ से पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश में है तो दूसरी तरफ हिंद महासागर में भी नापाक चाल चल रहा है।
लद्दाख के साथ समंदर में भी चीन की नापाक चाल
- पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर हरकत कर रहा है चीन,इंडियन ओशन रीजन में भी ड्रैगन की घुसपैठ हुई तेज
- पहली बार सर्दियों में एलएसी के नजदीक देपसॉन्ग प्लेन पर चीन ने बढ़ाई सैनिकों की संख्या
- जिन इलाकों में चीन सिर्फ पेट्रोलिंग किया करता था अब वहां टेंट गाढ़ कर स्थाई डेप्लॉयमेंट करने में जुटा है ड्रैगन
एलएसी पर भारतीय सेना के डेप्लॉयमेंट्स की रीबैलेन्सिंग से चीन परेशान है। गलवान संघर्ष के बाद से इंडियन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अपनी थल सेना आर्टिलरी आमद एविएशन को पूरी तरह से रीडिप्लॉय कर दिया है। सेना के साथ-साथ इंडियन एयरफोर्स भी अपनी पूरी क्षमता के साथ इस इलाके में तैनात है। तीसरे विंटर हॉल में चीन पर एलएसी के दूसरी तरफ अपनी पैठ मजबूत करने का दबाव साफ दिखाई दे रहा है।
एलएसी के नजदीक चीन ने बनाए 200 शेल्टर
चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने पुराने डेप्लॉयमेंट के तरीकों को बदलकर एक बार फिर हरकत में नज़र आ रही है।ले मैं लगा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पूर्वी लद्दाख में डैमचौक के पास 200 से अधिक नए शेल्टर बनाए हैं। ये शेल्टर वहां मौजूद चीनी सैनिकों को सर्दी में स्थाई रूप से तैनात करने के लिए बनाए गए हैं। दरअसल यह वो इलाका है जहां अब तक चीन के सैनिक सिर्फ पेट्रोलिंग किया करते थे लेकिन भारतीय सेना के भारी-भरकम डेप्लॉयमेंट और आक्रामकता को देखते हुए चीन सर्दी के दौरान यहां पर अपने डेप्लॉयमेंट को बनाए रखना चाहता है जिसकी वजह से उसने यहां शेल्टर लगाए हैं।
इंडियन ओशन रीजन में घुसपैठ की कोशिश कर रहा चीन
पूर्वी लद्दाख में तो चीन अपनी हरकतें दिखा ही रहा है इंडियन ओशन रीजन में भी लगातार अपने जासूसी पोत भेज कर समुद्री घुसपैठ की कोशिश में जुटा है। पिछले 2 महीनों में चीन का स्पाई शिप युआन वांग 5 तीसरी बार इंडियन ओशन रीजन में दाखिल हुआ है। भारतीय नौसेना इस मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं लेकिन यह खास इसलिए है क्योंकि एक बार फिर भारत इस इलाके में अपना मिसाइल परीक्षण करने वाला है। पिछली बार भी इंडियन ओशन रीजन में ठीक उसी वक्त चीन का युआन वांग 5 दाखिल हुआ था जब भारत को बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करना था बाद में इसे टाल दिया गया था।
(सौजन्य-@Detresfa)
(सौजन्य- @Detrefsa)
देपसांग में बना हुआ है फ्रिक्शन पॉइंट
चीनी सेना ने 2020 में लद्दाख के 5 इलाकों में घुसपैठ की थी , जहां से डिसएंगेजमेंट हो चुका है, लेकिन देपसांग और डैमचौक में भारत और चीन के बीच अब भी फ्रिक्शन पॉइंट बरकरार है। देपसांग में चीनी सैनिकों की मौजूदगी को लेकर सीनियर कमांडर स्तर की वार्ता में भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत लगातार चीन पर इस विवाद को सुलझाने का दबाव बना रहा है साथ ही जमीन पर अपनी तैयारी भी पुख्ता कर रहा है। देपसांग में नए शेल्टर बनने से साफ है कि PLA भारत किस तैयारी को काउंटर करने के लिए जुटी हुई है।
एलएसी पर सड़कों का जाल बुन रहा है भारत
भारत ने इस इलाके में हाल ही में 75 अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू किए हैं जिनमें न्योमा में बनने वाला एयरस्ट्रिप भी है, जिसे लड़ाकू विमानों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा तमाम पुल और सड़कें बनाकर भारत इस इलाके में अपने मूवमेंट्स को गति दे रहा है। डैम चौक के करीब भारतीय सेना ने बीआरओ की मदद से दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क उमलिंगला बनाई है जहां आसानी से सेना के भारी भरकम वाहन मोबिलाइज किए जा सकते हैं।
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