दिल्ली के 'ऊपर' था जब चीन जा रहा 'बम वाले' प्लेन, तब बोला- हम पर है बम का खतरा! लैंडिंग की मांगी थी मंजूरी, पर...
इस बीच, भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने समाचार एजेंसी एएनआई को इस बात की पुष्टि की कि चीन (China) को जाने वाली महान एयर (Mahan Air) की फ्लाइट फिलहाल इंडियन एयरस्पेस से बाहर है।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
ईरान से चीन जा रहे जिस प्लेन में बम होने की खबर आई थी, उसने दिल्ली की हवाई सीमा में रहते हुए बताया था कि उस पर बम का खतरा है। प्लेन की ओर से लैंडिंग की मंजूरी भी मांगी गई थी, मगर सुरक्षा कारणों के चलते उसे भारतीय एयरस्पेस से बाहर निकाल दिया गया।
दरअसल, वायु सेना यह खबर मिलते ही आनन-फानन एक्शन में आ गई थी और भारत का सुखोई फाइटर विमान सक्रिय हो गया। सुखोई ने चीन जा रहे उस प्लेन को अपने देश की सीमा से बाहर निकाला।
इस बीच, भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने समाचार एजेंसी एएनआई को इस बात की पुष्टि की कि चीन (China) को जाने वाली महान एयर (Mahan Air) की फ्लाइट फिलहाल इंडियन एयरस्पेस से बाहर है।
वायु सेना ने यह भी कहा- विमान को जयपुर और उसके बाद चंडीगढ़ में लैंड करने के लिए ऑफर किया गया था पर पायलट ने उन लोकेशंस पर प्लेन को डायवर्ट करने से असमर्थता जाहिर की। कुछ देर बाद तेहरान से बम की आशंका को नजरअंदाज करने की सूचना मिली। फिर विमान अपने अंतिम गंतव्य की ओर अपनी रवाना हो गया।
आईएएफ के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के साथ संयुक्त रूप से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार वायु सेना की ओर से सभी कार्रवाई की गईं। पूरे भारतीय हवाई क्षेत्र में वायु सेना की तरफ से विमान को करीब से रडार निगरानी में रखा गया था।
तेहरान से चीन जा रही फ्लाइट में बम होने पर डिप्टी चीफ फायर ऑफिस संजय तोमर बोले- हमें 9:25 पर फायर कंट्रोल रूम पर इरानी एयरवेज की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली थी। SOP के तहत सहायक मंडल अधिकारी को वहां भेजा था। 10:05 पर एयर पोर्ट से ऑल क्लियर की सूचना मिली थी जिसके बाद हम वापस आ गए।
उन्होंने आगे बताया कि आपातकालीन लैंडिंग की स्थिति में हम हवाई अड्डा प्राधिकरण की गाड़ियों के साथ अपनी गाड़ियां रन वे के पास तैनात कर देते हैं। सहायक मंडल अधिकारी के साथ हमारी दो गाड़ियां थीं और बाद में जैसी जरूरत होती हम और गाड़ियां भेज देते।
इस बीच, डिफेंस एक्सपर्ट पीएस अहलूवालिया ने बताया- विमान के लिए एयरवे होता है, जिसके लिए परमिशन लेनी पड़ती है। साथ ही बताना पड़ता है कि विमान कितने बजे आएगा और कितने बजे निकलेगा। सारी सूचना एयर ट्रैफिक कंट्रोल के पास होती है। यह विमान जब दिल्ली के आसपास उड़ रहा था, तब इसने घोषित किया कि उस पर बम का खतरा है।
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टाइम्स नाउ नवभारत author
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