अरुणाचल मामले में चीन की चाल का भारत ने दिया करारा जवाब, कहा- इस तरह की हरकतों से नहीं बदलेगी सच्चाई

चीन ने 2 अप्रैल 2023 को अरुणाचल प्रदेश के अंदर आने वाली 11 अलग-अलग जगहों के नाम बदलकर नोटिफिकेशन जारी किया है।

MEA Arindam Baghchi

चीन की चाल का भारत ने दिया करारा जवाब

India Befitting Reply to China: अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदलकर अपना दावा ठोकने वाले चीन को भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने 2 अप्रैल को चीन द्वारा बदले गए इन 11 जगहों के नाम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि चीन पहले भी इस तरह की हरकतें कर चुका है, लेकिन इससे यह सच्चाई नहीं बदल सकती कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस खबर पर जानकारी देते हुए कहा कि भारत चीन की इस हरकत का मजबूती से खंडन करता है और अरुणाचल प्रदेश के यह सभी इलाके भारत के थे और रहेंगे।

चीन ने 2 अप्रैल को 11 जगहों के नाम बदले

चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोकने के लिए नया पैंतरा दिखाया है। चीन ने 2 अप्रैल 2023 को अरुणाचल प्रदेश के अंदर आने वाली 11 अलग-अलग जगहों के नाम बदलकर नोटिफिकेशन जारी किया है। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने संबंधित विभागों के साथ मिलकर दक्षिणी तिब्बत में 11 स्थानों के तथाकथित नए भौगोलिक नाम जारी किए हैं। इस क्षेत्र पर बीजिंग द्वारा तिब्बत के हिस्से के रूप में 'जंगनान' (दक्षिणी तिब्बत) के रूप में दावा किया गया है। हालांकि, दावा किए गए भौगोलिक क्षेत्र को हमेशा भारत गणराज्य द्वारा नियंत्रित और प्रशासित किया गया है।

ये 11 इलाके शामिल

चीन ने चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला (पिनयिन) में उनके निर्देशांक के साथ 11 स्थानों की तीसरी सूची जारी की है। इस क्षेत्र में पांच पर्वत चोटियाँ, दो आवासीय क्षेत्र, दो भूमि क्षेत्र और दो नदियां शामिल हैं। इससे पहले 2017 में चीन ने जंगनान में छह स्थानों के मानकीकृत नामों का अपना पहला बैच जारी किया था, इसके बाद 2021 में दूसरी सूची में जगनान में 15 स्थानों के नाम शामिल थे।

चीन ने 2021 में अपनी दूसरी सूची जारी की जिसमें चीन ने आठ आवासीय स्थानों (शन्नान प्रांत के कोना काउंटी में सेंगकेजोंग और डाग्लुंगजोंग, न्यिंगची के मेडोग काउंटी में मणिगैंग, डुडिंग और मिगपैन, न्यिंगची के जयू काउंटी में गोलिंग, डंबा, और मेजग का उल्लेख किया), चार पर्वत (वामो री, ड्यू री, लहुन्झुब री और कुनमिंग्ज़िंग्ज़े फेंग), दो नदियां (जेन्योग्मो हे और दुलेन हे) और कोना काउंटी में से ला नाम का पहाड़ी दर्रा शामिल है।

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग

जब नामों का पहला बैच वर्ष 2017 में जारी किया गया था, तो चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि जंगनान क्षेत्र में चीन के क्षेत्रीय दावों का एक ऐतिहासिक और प्रशासनिक आधार है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐतिहासिक नामों और आंकड़ों के साथ दखल देने के चीनी प्रयास को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के लिए दिए गए नाम निर्दिष्ट करने से यह तथ्य नहीं बदलता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।

चीन की चाल पुरानी है

हालांकि, कई विशेषज्ञों का दावा है कि इन विवादित स्थानों के नाम बदलने के पीछे का मकसद अपने क्षेत्रीय दावों को मजबूत करना और किसी भी अंतरराष्ट्रीय अदालत (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस या वर्ल्ड आर्बिट्रेशन कोर्ट) में किसी भी संप्रभुता असहमति के मामले में उन दावों का समर्थन करने के लिए सबूत बनाना या बदलना है। भारतीय क्षेत्र में इलाकों के नाम बदलने के अलावा बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में ठीक वैसा ही किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के जवाब के बाद चीन की बौखलाहट और ज्यादा बढ़ना लाजिमी है माना जा रहा है कि जल्द ही भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के मुद्दे पर विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य कमांडरों की बैठक में ये मुद्दा उठ सकता है।

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शिवानी शर्मा author

19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें

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