अरुणाचल मामले में चीन की चाल का भारत ने दिया करारा जवाब, कहा- इस तरह की हरकतों से नहीं बदलेगी सच्चाई
चीन ने 2 अप्रैल 2023 को अरुणाचल प्रदेश के अंदर आने वाली 11 अलग-अलग जगहों के नाम बदलकर नोटिफिकेशन जारी किया है।
चीन की चाल का भारत ने दिया करारा जवाब
India Befitting Reply to
चीन ने 2 अप्रैल को 11 जगहों के नाम बदले
चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोकने के लिए नया पैंतरा दिखाया है। चीन ने 2 अप्रैल 2023 को अरुणाचल प्रदेश के अंदर आने वाली 11 अलग-अलग जगहों के नाम बदलकर नोटिफिकेशन जारी किया है। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने संबंधित विभागों के साथ मिलकर दक्षिणी तिब्बत में 11 स्थानों के तथाकथित नए भौगोलिक नाम जारी किए हैं। इस क्षेत्र पर बीजिंग द्वारा तिब्बत के हिस्से के रूप में 'जंगनान' (दक्षिणी तिब्बत) के रूप में दावा किया गया है। हालांकि, दावा किए गए भौगोलिक क्षेत्र को हमेशा भारत गणराज्य द्वारा नियंत्रित और प्रशासित किया गया है।
ये 11 इलाके शामिल
चीन ने चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला (पिनयिन) में उनके निर्देशांक के साथ 11 स्थानों की तीसरी सूची जारी की है। इस क्षेत्र में पांच पर्वत चोटियाँ, दो आवासीय क्षेत्र, दो भूमि क्षेत्र और दो नदियां शामिल हैं। इससे पहले 2017 में चीन ने जंगनान में छह स्थानों के मानकीकृत नामों का अपना पहला बैच जारी किया था, इसके बाद 2021 में दूसरी सूची में जगनान में 15 स्थानों के नाम शामिल थे।
चीन ने 2021 में अपनी दूसरी सूची जारी की जिसमें चीन ने आठ आवासीय स्थानों (शन्नान प्रांत के कोना काउंटी में सेंगकेजोंग और डाग्लुंगजोंग, न्यिंगची के मेडोग काउंटी में मणिगैंग, डुडिंग और मिगपैन, न्यिंगची के जयू काउंटी में गोलिंग, डंबा, और मेजग का उल्लेख किया), चार पर्वत (वामो री, ड्यू री, लहुन्झुब री और कुनमिंग्ज़िंग्ज़े फेंग), दो नदियां (जेन्योग्मो हे और दुलेन हे) और कोना काउंटी में से ला नाम का पहाड़ी दर्रा शामिल है।
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग
जब नामों का पहला बैच वर्ष 2017 में जारी किया गया था, तो चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि जंगनान क्षेत्र में चीन के क्षेत्रीय दावों का एक ऐतिहासिक और प्रशासनिक आधार है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐतिहासिक नामों और आंकड़ों के साथ दखल देने के चीनी प्रयास को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के लिए दिए गए नाम निर्दिष्ट करने से यह तथ्य नहीं बदलता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
चीन की चाल पुरानी है
हालांकि, कई विशेषज्ञों का दावा है कि इन विवादित स्थानों के नाम बदलने के पीछे का मकसद अपने क्षेत्रीय दावों को मजबूत करना और किसी भी अंतरराष्ट्रीय अदालत (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस या वर्ल्ड आर्बिट्रेशन कोर्ट) में किसी भी संप्रभुता असहमति के मामले में उन दावों का समर्थन करने के लिए सबूत बनाना या बदलना है। भारतीय क्षेत्र में इलाकों के नाम बदलने के अलावा बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में ठीक वैसा ही किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के जवाब के बाद चीन की बौखलाहट और ज्यादा बढ़ना लाजिमी है माना जा रहा है कि जल्द ही भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के मुद्दे पर विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य कमांडरों की बैठक में ये मुद्दा उठ सकता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें
Delhi Vidhan Sabha Chuanv 2025 Date LIVE: आज हो जाएगा दिल्ली विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान, 2 बजे EC की प्रेस कांफ्रेंस
HMPV वायरस के बढ़ रहे केस, अब तमिलनाडु में दो और लोग संक्रमित, देश में कुल 5 मामले
आज की ताजा खबर 7 जनवरी 2025 हिंदी समाचार LIVE Updates: पटना में भूकंप के झटके, असम में कोयला खदान में नौ मजदूर फंसे...तमिलनाडु में HMPV के दो मामले सामने आए
डल्लेवाल के रक्तचाप में हो रहा उतार-चढ़ाव, बिगड़ रही हालत, डॉक्टरों ने जताई चिंता
Bharatpol: इंटरपोल की तर्ज पर इंडिया में 'भारतपोल', इसकी जरूरत क्यों पड़ी, कैसे करेगा काम
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited